मजदूर की घर वापसी पर सोनिया औऱ सुब्रमण्यम का सरकार पर वार, आखिर क्या है पूरा विवाद…

नई दिल्ली। लॉकडाउन की वजह से हर जगह पर कुछ ना कुछ लोग फंसे हुए हैं। उन्हीं फेंसे हुए लोगों को घर तक लाने के लिए सरकार की तरफ से स्पेशल ट्रेन चलाई गई लेकिन मजदूरों से पूरा रुपया लेने की बात पर रेलवे पर जमकर हमला किया जा रहा है।

 

सोनिया औऱ सुब्रमण्यम

सूत्रों के अनुसार रेलवे ने सोमवार को कहा, ‘रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो रेलवे की कुल लागत का महज 15 प्रतिशत है। रेलवे किसी भी प्रवासी को टिकट नहीं बेच रहा है और राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार ही यात्रियों को यात्रा करने दे रहा है।’

सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन के बीच वह अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में 34 श्रमिक ट्रेनों का संचालन कर चुका है। वह सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए इस कठिन समय में गरीब लोगों को आरामदायक यात्रा मुहैया करवा रहा है।

मंत्रालय ने कहा कि वह प्रवासियों को मुफ्त खाना और बोतलबंद पानी उपलब्ध करा रहा है। सूत्रों के अनुसार रेलवे ने कहा, ‘हम श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं और सामाजिक दूरी को बनाए रखते हुए हर कोच में बर्थ को खाली रख रहे हैं। गंतव्य से ट्रेनें खाली वापस आ रही हैं। रेलवे प्रवासियों को मुफ्त खाना और बोतलबंद पानी मुहैया करवा रहा है।’

सोनिया बोलीं- हम उठाएंगे प्रवासी मजदूरों का टिकट खर्च
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस ने मेहनतकश श्रमिकों व कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार-बार उठाया है। दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने। इसलिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी।’

राहुल बोले- गुत्थी सुलझाइए
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए।’

नमस्ते ट्रंप पर 100 करोड़ रु खर्च किए तो फिर मजदूरों के लिए मुफ्त रेल यात्रा क्यों नहीं: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल किया कि जब नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं तो फिर संकट के समय मजदूरों को मुफ्त रेल यात्रा की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा सकती?

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर दर की ठोकर खा रहे हैं। यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है। जब हम विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्री पीएम केयर्स कोष में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि वह घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी।’

 

 

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