सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी ने जमानत से किया इंकार, आगे जाने पर अड़ीं
सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के काफिले को शुक्रवार को रोक दिया गया. प्रियंका के इस काफिले को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोका गया. जमीन विवाद में सोनभद्र में 10 लोगों की हत्या के बाद प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए वहां जा रही थीं. प्रियंका गांधी मिर्जापुर में ही रात में रुकी हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी गिरफ्तारी और सोनभद्र जाने से रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘मैंने न कोई कानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है. बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गांव जाने को तैयार हूं, या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूं. लेकिन उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है.
जमानत नहीं तो भेजेंगे जेल
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ऊपर से ऑर्डर है.’
आज का राशिफल, 20 जुलाई 2019, दिन- शनिवार
प्रियंका गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूं. जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी. उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है. मगर इसके बावजूद यूपी सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है. जनता सब देख रही है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसे देने को तैयार नहीं हूं. मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाए. सरकार को जो उचित लगे वह करे.
चुनार गेस्ट हाउस में रुकी हैं प्रियंका
प्रियंका गांधी मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में अभी रुकी हुई हैं. मिर्जापुर के स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि चुनार गेस्ट हाउस में प्रशासन बिजली में कटौती करना चाहता है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन प्रियंका गांधी को परेशान करना चाहता है, जिससे वे जगह छोड़कर चली जाएं. लेकिन हम मोमबत्ती लेकर ही विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
कांग्रेस महासचिव ने अपनी गिरफ्तारी पर कहा कि मुख्यमंत्री योगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले मुझे यह बताएं मेरी गिरफ्तारी क्यों की गई. क्या पीड़ित परिवार से मिलना अपराध की श्रेणी में आता है.
मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है।
जनता सब देख रही है।
बीजेपी अपराध रोकने में नाकामयाब
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना. मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना. बीजेपी अपराध रोकने में तो नाकामयाब है, मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है. मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता.
सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने पर नारायणपुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं. मैं तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे. फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है. उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है. हम यहां शांति से बैठे रहेंगे.’
राजनीतिक अवसर की तलाश में प्रियंका
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोनभद्र हिंसा पर कहा है कि हम हर हालत में शांति व्यवस्था को बरकरार रखना चाहते हैं. प्रियंका गांधी को एसपीजी सुरक्षा कवर मिला हुआ है. उन्हें पता है कि इस इलाके में धारा 144 लागू है. यह बताने के बजाय कि यह विवाद क्यों जन्मा जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, प्रियंका गांधी घड़ियाली आंसू रो रही हैं. हम इस मामले की निष्पक्षता और गंभीरता से जांच कर रहे हैं. हमने 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है. प्रियंका गांधी राजनीतिक अवसर तलाश रही हैं.
टीएमसी नेताओं का भी दल पहुंचेगा सोनभद्र
सोनभद्र नरसंहार के बाद अब तृणमूल कांग्रेस का भी एक दल पीड़ित किसान परिवारों से मिलने जाएगा. टीएमसी नेताओं का एक दल शनिवार को वाराणसी पहुंचेगा. तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना पर कहा है कि दलितों पर हुई इस कार्रवाई की हम कड़ी निंदा करते हैं. बीजेपी के शासन में यह सब हुआ है. बीजेपी का रवैया हमेशा से एंटी दलित, एंटी आदिवासी और एंटी गरीब रहा है.
दमनकारी है योगी सरकार का रवैया
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में आदिवासी नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को रोके जाने और हिरासत में लेने की घटना को आलोकतांत्रिक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. कमलनाथ ने योगी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यूपी सरकार का यह दमनकारी कदम है, और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. पीड़ित परिवारों की आवाज को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है.
चुनार गेस्ट हाउस भेजा गया
बाद में पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया. हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया. इस दौरान कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन वे जहां ले जाएंगे हम जाने को तैयार हैं. लेकिन झुकेंगे नहीं.’ हालांकि चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी फिर धरने पर बैठ गईं और कहा कि जब तक उन्हें पीड़ित परिवारों से नहीं मिलने दिया जाता है तब तक वह वापस नहीं जाएंगी.
इससे पहले SDM की गाड़ी में प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस लाया गया. सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका गांधी ने पुलिस के पास रोके जाने का ऑर्डर नहीं होने की दलील दी. प्रियंका गांधी को मिर्जापुर के करीब नारायणपुर में रोका गया तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गई थीं. प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि मुझे किस आदेश के तहत रोका गया.
उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना।
मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना।
भाजपा अपराध रोकने में तो नाकामयाब है मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है।
मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने वाराणसी के ट्रामा सेंटर में सोनभद्र की घटना में घायलों से मुलाकात की. इस दौरान सोनभद्र हत्याकांड के घायलों के परिनजनों ने प्रियंका गांधी से आपबीती सुनाई.
यूपी में हुई लोकतंत्र की हत्या
प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने अपने फेसबुक पर लिखा कि प्रियंका की गिरफ्तारी गलत है. उन्होंने प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है. वाड्रा ने कहा कि प्रियंका गांधी को किसी वैध दस्तावेज पेश किए ही गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने सवाल भी उठाए हैं.
रॉबर्ट वाड्रा ने लिखा है कि किया मृतकों के परिवारों से मिलना गैरकानूनी है. क्या सरकार उस हर आवाज को दबा देना चाहती है जो सच को उजागर करती है?
प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी को रॉबर्ट वाड्रा ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार प्रियंका गांधी को तत्काल रिहा करे, और लोकतंत्र को लोकतंत्र ही रहने दे, इसे तानाशाही न बनाए.
असल में, बुधवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के मूर्तिया गांव में जमीन विवाद को लेकर 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसमें 28 लोग घायल भी हो गए थे. बताया जा रहा है कि मूर्तिया गांव के बाहरी इलाके में सैकड़ों बीघा खेत है, जिस पर कुछ ग्रामीण पुश्तैनी तौर पर खेती करते आ रहे हैं.
ग्रामीणों के मुताबिक इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा ग्राम प्रधान यज्ञदत्त के नाम है. ग्राम प्रधान ने एक आईएएस अधिकारी से 100 बीघा जमीन खरीदी थी. जब बुधवार सुबह 11 बजे ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर ने इस जमीन पर कब्जे करने के लिए करीब 200 लोगों और 32 ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे और जमीन जोतने की कोशिश की, तो विवाद हो गया.