सुरक्षाबलों की टीम माओवादियों के एक बड़े ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त करने में रही सफल

रिपोर्ट-  संवाददाता विजय पचौरी

छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ नारायणपुर सबसे सेफ जोन माने जाने वाले अबूझमाड़ इलाके में माओवादियों के प्रशिक्षण केंद्र सहित हथियारों के कारखाने संचालित थे इसका उदाहरण कई बार अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में सामने आए हैं।

छत्तीसगढ़ नारायणपुर

लेकिन इस बार सुरक्षाबलों की टीम माओवादियों के एक बड़े ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त करने में सफल रही मुठभेड़ के बाद मारे गए माओवादियों केशव और उनके हथियार को लाने में जवानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा करीब 150 किलोमीटर का सफर पैदल तय करते हुए कई छोटे-बड़े नदी नाले पार करने पड़े और लगातार बारिश का सामना भी करना पड़ा बारिश में जूते  भीग जाने से कई जवानों के पैरों में छाले भी पड़ गए नारायणपुर के गुमरका के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी।

इस मुठभेड़ में जवानों ने पांच वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया था वहीं इस मुठभेड़ में  दो DRG के जवान भी घायल हुए थे इसमें राजू राम नेताम को पेट में गोली लग गई थी सोमारू गोटा के दाहिने कंधे में गोली लगने करण घायल हो गए थे ।

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घायल जवानों सहित नक्सलियों के शव को लेकर सुरक्षा बल की संयुक्त टीम को करीब 60 किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ा मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया जिसके कारण राजू राम नेताम ने दम तोड़ दिया वही घायल सुमारू गोटा को ओरछा थाने से सड़क मार्ग के जरिए एंबुलेंस है बेहतर उपचार के लिए रायपुर रवाना किया गया था कड़ी कठिनाइयों के बाद आखिरकार जवान माओवादियों के शव को सड़क मार्ग के जरिए मुख्यालय ला पाए इस ऑपरेशन में 120 जवान रवाना किए गए थे इसमें 30 30 जवानों की चार अलग-अलग टुकड़िया सर्चिंग करते हुए नक्सली कैंप तक पहुंची और इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और सफलता भी हासिल हुई इस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हुआ.लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं

 

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