हेडलाइन: उत्तराखंड के चमोली में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.3 तीव्रता, कोई नुकसान नहीं

उत्तराखंड के चमोली जिले में 19 जुलाई की देर रात 12:02 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई और इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था।

भूकंप का केंद्र चमोली जिले के जोशीमठ से 22 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में, अक्षांश 30.51 डिग्री उत्तर और देशांतर 79.33 डिग्री पूर्व में था। यह भूकंप हल्का था, और अभी तक किसी जनहानि या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

हादसे के बाद लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए। चमोली हिमालयी क्षेत्र में भूकंपीय रूप से सक्रिय जोन में स्थित है, जहां कम तीव्रता के भूकंप सामान्य हैं। इससे पहले, 8 जुलाई 2025 को उत्तरकाशी जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप 5 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया था, जिसका केंद्र अक्षांश 31.22 डिग्री उत्तर और देशांतर 78.22 डिग्री पूर्व में था।

भूकंप क्यों आता है?
पृथ्वी की सतह के नीचे सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो लगातार गति करती रहती हैं। इन प्लेट्स के टकराने से फॉल्ट लाइन बनती है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या दबाव के कारण उनके कोने मुड़ते हैं, तो ऊर्जा जमा होती है। यह ऊर्जा जब बाहर निकलती है, तो भूकंप आता है। उत्तराखंड हिमालयी क्षेत्र में भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराव के कारण भूकंपीय गतिविधियां आम हैं।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता क्या है?
भूकंप का केंद्र (एपिसेंटर) वह स्थान है, जहां से भूकंपीय ऊर्जा सतह की ओर निकलती है। इस बिंदु पर कंपन की तीव्रता सबसे अधिक होती है, जो दूरी बढ़ने के साथ कम होती जाती है। यदि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक हो, तो 40 किलोमीटर के दायरे में इसका प्रभाव गंभीर हो सकता है। कंपन की दिशा भी प्रभाव को निर्धारित करती है—ऊपरी दिशा में कंपन होने पर प्रभावित क्षेत्र कम होता है, जबकि क्षैतिज कंपन व्यापक क्षेत्र को प्रभावित करता है।

भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है, जो 1 से 9 तक की तीव्रता को दर्शाती है। यह स्केल भूकंप के केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को मापती है। रिक्टर स्केल पर प्रत्येक अंक पिछले अंक से दस गुना अधिक ऊर्जा दर्शाता है। उदाहरण के लिए, 3.3 तीव्रता का भूकंप हल्का माना जाता है, जबकि 7 से ऊपर का भूकंप विनाशकारी हो सकता है। मर्सल्ली स्केल भूकंप के प्रभाव और क्षति को मापने के लिए उपयोग की जाती है, जो 1 से 12 तक होती है।

उत्तराखंड में भूकंप का जोखिम:
उत्तराखंड हिमालयी क्षेत्र में भूकंपीय जोन IV और V में आता है, जो उच्च जोखिम वाले क्षेत्र हैं। 1991 में उत्तरकाशी में 6.8 तीव्रता और 1999 में चमोली में आए भूकंपों ने भारी तबाही मचाई थी। अनियंत्रित निर्माण और जंगल कटाई ने इस क्षेत्र में भूकंप के खतरों को और बढ़ा दिया है। हाल के वर्षों में चमोली में कई हल्के भूकंप दर्ज किए गए, जैसे 7 जुलाई 2024 को 3.5 तीव्रता का भूकंप।

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