
सुप्रीम कोर्ट ने ज़रूरी आदेश देते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन, बेड, दवाओं आदि की पोस्ट करने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कोई भी सरकार किसी नागरिक द्वारा सोशल मीडिया पर डाली जानकारी पर कार्रवाई नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों व डीजीपी को आदेश देते हुए कहा है कि अगर अफवाह फैलाने के नाम पर कार्यवाही की तो अवमानना का मामला चलाएंगे। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि नागरिक सोशल मीडिया और इंटरनेट पर अपनी शिकायत दर्ज करते हैं, तो इसे गलत जानकारी नहीं कहा जा सकता है।”
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि हमने देश के विभिन्न मामलों के विभिन्न मुद्दों की पहचान की है और हमारी सुनवाई का उद्देश्य राष्ट्रीय हित के मुद्दों की पहचान करना और संवाद की समीक्षा करना है। इसे फैसला करने वालों के लिए विचार के लिए किया जा रहा है। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि हम इस पर पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दे सकते हैं।