सीबीआई ने अपने ही चार अधिकारियों के खिलाफ दाखिल किया आरोप पत्र

सीबीआई ने शुक्रवार को अपने ही दफ्तर के चार अधिकारियों के खिलाफ 4300 करोड़ रुपये से ज्यादा दो बैंकों में धोखाधड़ी से जुड़े एक रिश्वत मामले में आरोप परत दाखिल किया। दरअसल इन चारों अधिकारियों पर फ्रॉस्ट इंटरनेशनल व श्रीश्याम पल्प एण्ड बोर्ड मिल्स के खिलाफ बैंक की धोकाधड़ी जांच के दौरान रिश्वत लेकर राहत देने का आरोप है। सीबीआई ने अपने दो डीएसपी ऋषि और सांगवान के अलावा इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ व एक वकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। ये चारों अधिकारियों पर जांच एजेंसी के रिश्वतखोरी का कतिथ गिरचलाने का आरोप था। जिसकी मदद से ये बैंक कर्ज की रकम को ठिकाने लगाने की आरोपी कंपनियों की मदद करते थे।

तीनों अधिकारियों को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। इस मुकदमे में श्री श्याम पल्प एण्ड मिल्स की अतिरिक्त निदेशक मंदीप कौर ढिल्लों औरबैंक कर्ज की रकम कोके निदेशकों सुजय देसाई और उदय देसाई को भी रिश्वत देने का आरोपी बनाया गया है। सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में एक स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह को भी गीरफ़्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज गया है।

स्टेट बैंक से डेपुटेशन पर आया, धनखड़ लीक करता था जानकारी
आरोपी कपिल धनखड़ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर था। और वहां से डेपुटेशन पर एजेंसी के बैंकिंग सिक्योरिटी एण्ड फ्रॉड सेल में इंपेक्टर बनाया गया था। श्री श्याम पल्प के खिलाफ 700 करोड़ रुपये और फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के खिलाफ 3600 करोड़ रुपये के कर्ज घोटालों की जांच से जुड़ी गुप्त जानकारियाँ धनखड़ से ऋषि और सांगवान को मिलती थी। और वे ये जानकारियाँ आगे कंपनियों के प्रबंधन को दिया करते थे। इसके बदले में उनको वेतन की तरह नियमित रकम मिल रही थी। स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह भी सारे अन्य मामलों की जांच से जुड़ी गुप्त टिप्पणियों और निर्देशों की जानकारी सांगवान और ऋषि को लीक करते थे। ताकि आरोपी पहले से बचाव कर रकें।

लाखों रुपये की कमाई कर चूकें आरोपी
सीबीआई के मुताबिक, धनखड़ को अब सांगवान और ऋषि से 10 लाख रुपये मिल चुके थे। ऋषि ने डिफेन्स कॉलोनी में ऑफिस रखने वाले वकीलों, मलिक और गुप्ता के जरिए दो बार 15 लाख चंडीगढ़ की एक कंपनी से लिए थे। साथ ही धनखड़ को भी ऋषि के जरिए दो बार 2.5 लाख रुपये मिले थे।

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