सिर्फ एक छोटा सा उपाय करने से आप हो सकते है मालामाल…

व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों के सामने व्यापार नहीं चलने की समस्या आए दिन आती रहती है। व्यापारियों का केवल एक ही उद्देश्य होता है कि उनके व्यापार में आशातीत उन्नति हो। व्यवसाय चलाने तथा धन लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि अत्याधिक कठिन परिश्रम किया जाए। परिश्रम के साथ-साथ और बहुत सी छोटी-छोटी बातें हैं जो अपनाने से व्यवसाय या व्यापार में लाभ होता है।

आप कुशल व्यवसाई हैं, व्यवसाय चलाने का अनुभव भी आपके पास है लेकिन अच्छे भले चलते व्यवसाय में अचानक रुकावट आ जाती है। अच्छा माल बेचते हैं, व्यवहार कुशल भी हैं लेकिन इतना सब होते हुए भी व्यापार निरंतर घाटे में चला जाता है। पहले बिक्री खूब अच्छी होती थी किंतु अचानक उस में गिरावट आ जाती है। लाभ का प्रतिशत भी घट जाता है और समस्या विकट हो जाती है।

आप सोचते हैं कि इसी प्रतिद्वंदी ने कुछ करा दिया है या शायद ग्रह चाल ठीक नहीं चल रहे हैं। वहीं अगर किसी ने ऋण लेकर व्यवसाय किया है तो ऋण उतारने की समस्या हमेशा उसके सामने बाहें पसारे खड़ी रहती है। कोई भी व्यवसाय या व्यापार करने वाले लोग अगर कुछ टोटके या उपाय अपना लें तो वे सभी दोष से मुक्त हो सकते हैं और व्यापार में निरंतर लाभ की प्राप्ति भी कर सकते हैं। दोष समाप्ति के बाद व्यवसाय पहले जैसा ही तेजी से चलने लगेगा।प्रत्येक मंगलवार को पीपल के 11 पत्ते लें और लाल चंदन से प्रत्येक पत्ते पर राम-राम लिखें। इसके बाद इन पत्तों को हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दें। व्यवसाय में कभी असफल नहीं होंगे। इस क्रिया को निरंतर एवं गोपनीय रखें। गोपनीयता का फल बहुत जल्द प्राप्त हो जाता है।

सोमवार को 11 बिल्वपत्र लें तथा उनपर केसर से ‘ऊं नमः शिवाय’ लिखकर भगवान शिव को निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं। सभी व्यवसायिक आपदा दूर हो जाएंगी। यह कार्य सिर्फ 16 सोमवार तक करना है।

व्यापार में माल खरीदने जाते समय प्रस्थान से पूर्व 21 रुपये किसी गुप्त स्थान पर रखकर जाएं। यात्रा से वापस आने के पश्चात वे उन रखे हुए 21 रुपये से किसी साधू, फकीर या पंडित को खाना खिला दें या दान दे दें। यात्रा सफल होगी, व्यापार में लाभ होगा।

कपूर और कुमकुम मिलाकर जलाएं तथा दीपावली के दिन उसकी भस्म को कागज में बांधकर एक पुड़िया बना लें। उस पुड़िया को अपने गल्ले में रखें, मान्यता है कि व्यापार पर से अगर नजर दोष है तो नष्ट हो जाता है।

दुकान पर पहला ग्राफ आता है तो उसे कभी भी वापस न जाने दें। चाहे उस समय आप सफाई, पूजा आदि ही क्यों न कर रहे हों। पहले ग्राहक को जरूर कुछ न कुछ सामान दें। भले ही पहला ग्राहक कम लाभ दे लेकिन प्रयास रहे कि उसे खाली हाथ न जाने दें।

आपका कोई स्थाई ग्राहक अगर दूसरी जगह जा रहा हो तो गेंदे का फूल पीसकर माथे पर तिलक लगाकर उस व्यक्ति से बात करें। मान्यता है कि पुराना ग्राहक भी आपसे नहीं टूटेगा। ये तिलक प्रतिदिन भी लगाया जा सकता है।

थोड़ा सा कच्चा सूत ले और शुद्ध केसर से रंग लें। इस रंगे हुए कच्चे सूत को व्यापारिक स्थल या अपने प्रतिष्ठान पर बांध दें। व्यापार में तरक्की के योग बनेंगे।

दुकान में प्रतिष्ठान में संध्या वंदना अवश्य करें दीपक एवं अगरबत्ती प्रज्वलित करें।

यदि आप यह महसूस कर रहे हैं कि कई टोने-टोटके या उपाय कर लिए लेकिन कुछ असर नहीं हुआ तो यह उपाय जरूर आजमाएं। गुरुवार के दिन श्यामा तुलसी के चारों ओर उगाई खरपतवार को किसी पीले वस्त्र में बांधकर व्यापार स्थल या प्रतिष्ठान पर रख दें। ध्यान रहे कि यह क्रिया केवल गुरुवार के दिन ही करनी है।

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