मोदी का भीम ऐप बना ठगी का नया जरिया, सिम स्वैप कर उड़ाए लाखों रुपये

सिम स्वैपगाजियाबाद। पीएम मोदी का डिजिटल इंडिया का सपना जालसाजों की वजह से अधर में लटक सकता है। आए दिन हो रही डिजिटल धोखाधड़ी के चलते लोग इस पर भरोसा भी कम कर रहे हैं। इस बार मोदी के लांच किए भीम ऐप से लाखों रुपए जालसाजों ने उडा दिए हैं। यह वारदात धोखेबाजों ने सिम स्वैप कर अंजाम दी।

मोबाइल नंबर पर अच्छे प्लान का झांसा देकर जालसाजों ने एक व्यक्ति को 4.54 लाख रुपये का चूना लगा दिया। ठगी के बाद पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी। आरोप है कि पुलिस 10 दिन तक टरकाती रही। इसके बाद पीड़ित ने जिलाधिकारी से शिकायत की। डीएम के आदेश पर इंदिरापुरम पुलिस ने बुधवार को साइबर अपराध की धारा में रिपोर्ट दर्ज की। एसएचओ इंदिरापुमर प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है फोन नंबर के आधार पर जालसाजों की तलाश शुरू हो गई है।

जानकारी के मुताबिक, वैशाली सेक्टर-2 में एनटीपीसी दादरी में सीनियर एग्जिक्युटिव सेक्रटरी जसबीर सिंह परिवार के साथ रहते हैं। करीब 12 दिन पहले उनके पास एक फोल कॉल आया। कॉल करने वाले युवक ने खुद को एयरटेल कंपनी का कस्टमर केयर अधिकारी बताया। उसने कहा कि उनके नंबर के लिए 299 रुपये का खास प्लान है। इसमें उन्हें 28 जीबी डेटा और अनलिमिटेड कॉल्स व एसएमएस मिलेगा। अगर आप यह सर्विस ऐक्टिवेट करना चाहते हैं, तो वह उनके नंबर पर एक मेसेज भेजेगा।

इसके बाद उन्हें उस मेसेज का रिप्लाई 1 टाइप करके करना होगा। जसबीर सिंह ने मेसेज मिलने के बाद 1 नंबर टाइप कर के रिप्लाई कर दिया। रिप्लाई करते ही उनके मोबाइल से नेटवर्क चला गया और फोन इमर्जेंसी मोड पर आ गया। उन्हें लगा कि नेटवर्क इशू है। करीब 24 घंटे बाद भी जब नेटवर्क नहीं आया, तो वह पास के एयरटेल स्टोर पर गए। वहां उन्हें बताया गया कि आपके एरिया में नेटवर्क का इशू नहीं है और न ही इस तरह की कोई कॉल हमारे तरफ से की गई है।

इसके बाद एयरटेल के स्टाफ ने कहा कि शायद आपके साथ ठगी हुई है। इसके बाद पीड़ित आईसीआईसीआई की वैशाली ब्रांच में अपने खाते की जानकारी लेने पहुंचे। वहां उन्हें पता चला कि खाते से कई बार में 4.53 लाख रुपये निकाले गए हैं। बैंक से मिली जानकारी के अनुसार ठगों ने करीब 4 लाख रुपये दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किए, जबकि 54 हजार की ऑनलाइन खरीददारी की थी।

‘इस तरह की ठगी के 30 से अधिक मामले आए’

साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक ठगी का नया जरिया बन गया है ये भीम ऐप । किसलय ने बताया कि ठगों ने पीड़ित के फोन पर सिम कार्ड की स्वैपिंग से जुड़ा मेसेज भेजा। जैसे ही पीड़ित ने मेसेज का रिप्लाई किया, उनका सिम तुरंत बंद हो गया। इस मेसेज के आधार पर ही ठगों ने चालाकी से स्टोर से दूसरा नंबर जारी कराया और उस नंबर को अपने मोबाइल में डालकर भीम ऐप इंस्टॉल कर पीड़ित के दो बैंक अकाउंट से कैश उड़ाया, जिनमें पीड़ित का फोन नंबर दर्ज था। किसलय का कहना है कि भीम ऐप शुरू होने के बाद इस तरह की ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अभी तक उनके पास इस तरह की ठगी 30 से अधिक मामले आ चुके हैं।

क्या है सिम स्वैपिंग?

हैकर खातों में सेंध लगाने के लिए अब तेजी से सिम स्वैपिंग का तरीका अपना रहे हैं। सिम स्वैपिंग के जरिए हैकर आपकी पहचान चोरी कर, बैंक खाते से जुड़ा आपका मोबाइल नंबर बंद कराते हैं और फिर फर्जी पहचान पत्र के जरिये उसी मोबाइल नंबर का डुप्लीकेट सिम अपने पास ऐक्टिवेट करा लेते हैं। सिम स्वैपिंग के लिए हैकर अब एक नया तरीका भी अपनाने लगे हैं। हैकर अपने शिकार को फोन कर उनके सिम को अपग्रेड करने या उसकी वैधता बढ़ाने का झांसा देते हैं।

इसके बाद पीड़ित से कहा जाता है कि वह सिम कार्ड पर लिखा 20 अंकों का नंबर अपने कस्टमर केयर के नंबर 121 पर एसएमएस कर दें। हैकर के पास पहले से पीड़ित का नया डुप्लिकेट 4जी या 3जी सिम रहता है। ये सिम फर्जी पहचान पत्र की मदद से प्राप्त किया गया होता है। पीड़ित जैसे ही 121 पर सिम का नंबर मेसेज करता है। कुछ देर में उसके पास मौजूद सिम बंद हो जाता है और हैकर के पास मौजूद डुप्लिकेट सिम शुरू हो जाता है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती पर भीम ऐप जारी किया था। इस ऐप को इंस्टॉल करने के बाद रजिस्ट्रेशन के दौरान सिम कार्ड सिलेक्ट करने का ऑप्शन आता है।

सिम कार्ड चुनते ही वह सिम आपके जिस खाते से जुड़ा हुआ है उस अकाउंट की डिटेल ऐप पर आ जाती है। इसके बाद पिन सेट करना पड़ता है और पिन सेट करने के बाद आप ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इस मामले में भी ठगों ने यही किया।

 

रखें इन बातों का ध्यान

1. बैंक अकाउंट में अलर्ट मेसेज के लिए ई-मेल भी रजिस्टर कराएं।

2. नंबर पर कोई भी प्लान एक्टिवेट कराने के लिए कोई कॉल करता है तो उसे इग्नोर करें।

3. इसके अलावा प्लान ऐक्टिवेट कराने के लिए अपनी तरफ से मेसेज भेजने से बचें।

4. अगर नंबर पर कोई प्लान चालू कराना है, तो खुद ही कस्टमर केयर में कॉल करें।

5. ई-वॉलिट का इस्तेमाल करने से पहले फोन, टैबलट और अन्य डिवाइस में एक मजबूत पासवर्ड रखें

6. भरोसेमंद मोबाइल नेटवर्क से जुड़ें। सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क को कनेक्ट करने से बचें।

7. मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की स्थिति से अवगत और सतर्क रहें।

 

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