1984 सिख दंगा मामले में आए फैसले से लोग खुश

नई दिल्ली| अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह भोगल ने मंगलवार को नवंबर, 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिख सुरक्षा गार्डो द्वारा हत्या के बाद आक्रोश में सिख समुदाय को निशाना बनाए जाने के मामले में आए अदालत के फैसले की सराहना की।

सिख दंगा

प्रेस को दिये बयान में भोगल ने कहा कि महिपालपुर में रहने वाले हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या के मामले में नरेश शेहरावत और यशपाल सिंह को दोषी करार देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे ने एक दोषी को फांसी की सजा और दूसरे को उम्रकैद की सजा दी, जो सराहनीय है।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है और यह जीत दंगा-पीड़ितों और अपने परिजन को खोए हुए लोगों की है।

भोगल ने कहा, “इस फैसले से दंगा पीड़ितों में 34 साल बाद आशा की एक किरण जागी है और हम आशा करते हैं कि और भी दोषी, जिसमें विशेष रूप से जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को भी फांसी के फंदे तक जाना पड़ेगा, क्योंकि कानून के दर पर देर है अंधरे नहीं।”

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उन्होंने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में जिस तरह से अकाली दल के लोगों पर कुछ गुंडों द्वारा हमला किया गया था, उनके मुंह पर यह कानून का तमाचा है। उनके लिए यह सीख है कि कानून का सम्मान करें।

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