
मौसम में बदलाव आते ही स्वास्थ्य का इसकी चपेट में आना लाजमी है। आजकल आप भी महसूस कर रहे होंगे कि मौसम में काफी बदलाव है। सुबह और शाम तेज ठंड होने के साथ दोपहर में गर्मी का अहसास हो रहा है। इस बदलते मौसम में वैसे तो कई बीमारियों का शरीर में प्रवेश होता है लेकिन सर्दी जुकाम होना बहुत ही आम बात है। जुकाम सुनने में बहुत छोटा और मामूली शब्द लगता है लेकिन इसकी असली पीड़ा वही समझ सकता है जो इससे गुजरता है।
जुकाम में शरीर गर्म रहने के साथ ही इंसान का सिर भारी रहता है और नाक बहती है। आज हम आपको सर्दी जुकाम के चुटकी में इलाज करने के लिए बेसन के शीरे के फायदे बता रहे हैं। यकीन मानिए सर्दी जुकाम के लिए बेसन का शीरा वाकई बहुत फायदेमंद है। इससे रोग तो जल्दी कटता ही है साथ ही शरीर को कई जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। तो आइए जानते हैं कैसे बनाते हैं बेसन का शीरा और क्या हैं इसके लाभ।
बेसन का शीरा
सर्दी जुकाम से बचने के लिए बेसन का शीरा बहुत फायदेमंद होता है। आज से नहीं बल्कि सालोंं से यह मान्यता रही है कि अगर सर्दी जुकाम को जल्दी भगाना है तो बेसन के शीरे का सेवन करें। इससे जुकाम और शरीर की टूटन को सही होती ही है साथ ही शरीर को कई जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। सर्दी के मौसम में बेसन का शीरा आपके शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ संक्रमण और फ्लू से कवच प्रदान करता है।
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बेसन का शीरे बनाने के लिए सामग्री और विधि
बेसन का शीरा बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको ज्यादा सामग्री की जरूरत भी नहीं होता है। सिर्फ 3 से 4 चीज ही ऐसी हैं जो जरूरी हैं बाकि आप अपने स्वादानुसान कम या ज्यादा कर सकते हैं। इसके लिए आपको करीब 4 चम्मच बेसन, एक से डेढ़ चम्मच देसी घी, दो बारी पिसी हुई काली मिर्च, 2 हरी इलायची का पाउडर, दो चम्मच या स्वादानुसार शक्कर, डेढ़ कप दूध और एक चुटकी हल्दी चाहिए।
अब इसे बनाने के लिए आप एक पैन में देसी घी का गर्म करें और इसमें बेसन को हल्की आंच पर भूनें। जब यह ब्राउन हो जाए तो इसमें गुड़, इलायची, हल्दी, कटे हुए बादाम और कुटी हुई काली मिर्च डालें। अब इसे हल्के हाथों से चलाते रहें और कुछ सेकेंड बाद इसमें दूध डाल दें। ध्यान रहे शीरे में गांठ न बनने पाएं। कुछ देर इसे पकाएं और आपका बेसन का शीरा तैयार है। अब इसे गर्मागरम सर्व करें।
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सर्दी जुकाम से बचने के अन्य उपाय
जुकाम और खांसी से बचाव के लिए हल्दी बहुत ही अच्छा उपाय है। यह बंद नाक और गले की खराश की समस्या को भी दूर करता है। जुकाम और खांसी होने पर दो चम्मच हल्दी पावडर को एक गिलास दूध में मिलकार सेवन करने से फायदा होता है।
दूध में मिलाने से पहले दूध को गर्म कर लें। इससे बदं नाक और गले की खराश दूर होगी। सीने में होने वाली जलन से भी यह बचाता है। हती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा।
जुकाम और खांसी के उपचार के लिए आप गेहूं की भूसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा।
हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं। गेंहू की भूसी का प्रयोग करने से आपको तकलीफ से निजात मिलेगी।
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समान्य कोल्ड और खांसी के उपचार के लिए बहत की कारगर घरेलू उपाय है तुलसी, यह ठंक के मौसम में लाभदायक है। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। खांसी और जुकाम होने पर इसकी पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इसे पीने से आराम मिलता है।
सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। अदरक को महाऔषधि कहा जाता है, इसमें विटामिन, प्रोटीन आदि मोजूद होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कफ वाली खांसी हो तो उसे रात को सोते समय दूध में अदरक उबालकर पिलाएं। अदरक की चाय पीने से जुकाम में फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
जुकाम और खांसी के इलाज के लिए यह बहुत अच्छा देसी ईलाज है। दो चुटकी, हल्दी पाउडर दो चुटकी, सौंठ पाउडर दो चुटकी, लौंग का पाउडर एक चुटकी और बड़ी इलायची आधी चुटकी, लेकर इन सबको एक गिलास दूध में डालकर उबाल लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। शुगर वाले मिश्री की जगह स्टीविया तुलसी का पाउडर मिलाकर प्रयोग करें।