सरकार ने अपने पहले बजट में बताया विकास का रोडमैप, विपक्ष ने जताई अपनी प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार के बजट को लक्ष्यहीन और दिशाहीन करार दिया है. पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट में लोगों को गरीबी के दुश्चक्र से निकालने की कोई कोशिश नहीं दिखाई देती है. अखिलेश यादव ने कहा कि बजट में मिडिल क्लास को भी कुछ नहीं दिया गया है, बल्कि सरकार ने उन्हें एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से ले लिया है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार रेलवे एयरपोर्ट और सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है.

निर्मला सीतारमण

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि ये बजट बड़े पूंजीपतियों को राहत पहुंचाने वाला है. मायावती ने कहा कि यह बजट प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देकर कुछ बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही हर प्रकार से मदद करने वाला है. इससे दलितों व पिछड़ों के आरक्षण को ही नुकसान नहीं होगा, बल्कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसान व ग्रामीण समस्या और भी जटिल होगी.

कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि बजट में बेरोजगारी की समस्या को रोकने के लिए कोई योजना नहीं है. ये पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है. निर्मला सीतारमण एक महिला हैं, राष्ट्र की महिलाओं को बहुत चीजों की उम्मीद थी, लेकिन वे पूरी नहीं हुई हैं

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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बजट बहुत प्रगतिशील है. यह अगले 10 वर्षों के लिए रोड-मैप का पहला दस्तावेज़ है. आने वाले दिनों में देश में रोजगार बढ़ेगा. इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ा है.

वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि हमारी सरकार विदेश नीति पर भी जोर दे रही है इसके लिए सरकार जहां पर अभी हमारे दूतावास नहीं हैं, उन देशों में दूतावास खोलने पर जोर देगी. सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में अन्य चार नए दूतावास खोलना चाहती है. सरकार का लक्ष्य बुनियादी सुविधाओं में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का है.

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