सपा में बड़ा उलटफेर, भतीजे को दरकिनार कर चाचा शिवपाल को प्रदेश की कमान

लखनऊ। इस साल की बकरीद उत्तर प्रदेश में ‘राजनीतिक बकरीद’ के नाम से जानी जाएगी। कल दो बड़े मंत्रियों का विकेट गिरने और आज मुख्य सचिव दीपक सिंघल के हटाये जाने के बाद भी सिलसिला थमा नहीं है। इस पंक्ति में आज पहले से ही प्रदेश प्रभारी पद पर काबिज़ शिवपाल सिंह यादव को अब प्रदेश अध्यक्ष का पद भी दे दिया गया है, जिसके मायने साफ़ हैं, विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा शक्तिशाली व्यक्ति शिवपाल ही रहेंगे।

शिवपाल

अखिलेश यादव युवाओं को तरजीह देते हैं। जबकि पार्टी में पुराने व सीनियर नेताओं से शिवपाल सिंह के सम्बन्ध अच्छे हैं। आगामी चुनावों में टिकट के बंटवारे में अब शिवपाल सिंह अहम् भूमिका निभाएंगे।

पार्टी स्तर पर भी शिवपाल की अहमियत अब दोगुनी हो गई है। इस फैसले के बाद अब विधान सभा चुनावों में टिकट के बंटवारे को लेकर घमासान भी तय माना जा रहा है। अखिलेश युवा नेताओं को आगे लागे का प्रयास करते हैं। लेकिन सिंह पुराने वफादारों को किनारे नहीं कर सकते हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि अब पार्टी अपने अंदरूनी कलह से उबरने में कितनी कामयाब हो पाती है। दीपक सिंघल के दिल्ली में मुलायम सिंह के साथ मुलाकात करना संयोग नहीं था। कल दो मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद मुलायम सिंह के सुर भी अखिलेश के सुर से मेल खाते नही दिख रहे थे। फ़िलहाल समाजवादी पार्टी में बकरीद पर राजनीतिक कुर्बानी का दौर थमता नही दिख रहा है।

LIVE TV