सपा मुखिया ने किया खुलासा, आखिर क्यों रखा कांग्रेस को गठबंधन से बाहर…जानें क्या है खास…

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए चुनावी गणित को सही करने के लिए ही सपा-बसपा गठजोड़ से कांग्रेस को बाहर रखा गया।

उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बेहद सम्मान करते हैं। बावजूद इसके चुनावी रणनीति के चलते पार्टी को बाहर रखना पड़ा।

यहां ममता बनर्जी की महारैली में आए अखिलेश ने बाद में कुछ चुनिंदा पत्रकारों से उत्तर प्रदेश में गठजोड़ और चुनावी संभावनाओं पर विस्तार से बातचीत की।

सपा मुखिया

उन्होंने चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ मिल कर काम करने की संभावना को खारिज नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ उनके संबंध बेहतर हैं और अगर अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से होता है तो उनको खुशी होगी।

तो क्या चुनाव के बाद सपा कांग्रेस के साथ हाथ मिलाएगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वे चुनाव बाद इसका जवाब देंगे।

फिलहाल कुछ कहना संभव नहीं है। लेकिन देश नया प्रधानमंत्री चाहता है और उसे चुनाव के बाद नया प्रधानमंत्री ही मिलेगा।

सपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीटें घटा देने पर भाजपा बहुमत में नहीं रहेगी। भाजपा सोशल इंजीनियरिंग की बात करती रहती है। इसलिए उत्तर प्रदेश में गठजोड़ के जरिए उन्होंने भी चुनावी गणित ठीक करने का फैसला किया।

अखिलेश ने कहा कि चुनावी गणित सही नहीं होने की वजह से ही बडे़ पैमाने पर विकास कार्य करने के बावजूद उनकी पार्टी 2017 का विधानसभा चुनाव हार गई थी। उस समय सपा कांग्रेस के साथ मिल कर लड़ी थी और भाजपा से हार गई थी।

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यादव ने कहा कि उस गणित को सही करने व भाजपा को हराने के लिए उन्होंने बसपा से हाथ मिलाने का फैसला किया। लेकिन कांग्रेस को बाहर रखने से विपक्षी गठजोड़ प्रभावित नहीं होगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे विपक्षी एकता और मजबूत हुई है।

हमने कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ दी हैं। कांग्रेस के साथ सपा के मधुर संबंध रहे हैं। लेकिन संबंधों का मामला अलग है। मुख्य मुद्दा भाजपा को हराना है और तालमेल में उसी गणित का ध्यान रखा गया है।

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