स्किन का रखना है ख्याल, तो बाहर ही नहीं घर के अंदर भी लगाएं सनस्क्रीन

आमतौर पर महिलाएं सूरज की हानिकारक किरणों से स्किन की रक्षा करने के लिए सनस्क्रीन अप्लाई करती हैं, लेकिन इसे सिर्फ बाहर निकलते समय ही नहीं, घर पर भी अप…
स्किन का रखना है ख्याल, तो बाहर ही नहीं घर के अंदर भी लगाएं सनस्क्रीन

गर्मी में स्किन को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। खासतौर से, सूरज की हानिकारक किरणें स्किन को गहराई तक नुकसान पहुंचाती है। इसलिए अमूमन महिलाएं सनस्क्रीन लगाकर ही घर से बाहर निकलती हैं ताकि स्किन और सूरज की रोशनी के बीच एक प्रोटेक्शन लेयर हो। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपकी स्किन को सिर्फ घर से बाहर निकलते वक्त ही नहीं, बल्कि घर में भी प्रोटेक्शन की जरूरत होती है। इसलिए अगर आपकी स्किन को लंबे समय तक जवां और खूबसूरत बनाए रखना चाहती हैं तो यह जरूरी है कि आप घर के अंदर भी सनस्क्रीन का प्रयोग करें। अब आप सोच रही होंगी कि घर के अंदर सूरज की रोशनी तो नहीं होती, ऐसे में सनस्क्रीन की क्या जरूरत।

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जी हां, यह सच है कि घर के अंदर सूरज की हानिकारक यूवी किरणें नहीं होतीं, लेकिन फिर भी घर के अंदर ऐसी कुछ चीजें होती हैं, जो स्किन को काफी नुकसान पहुंचाती हैं और उनसे बचाव का एक ही तरीका है सनस्क्रीन। तो चलिए आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं-

स्किन का दुश्मन है स्क्रीन टाइम

टेक्नोलॉजी के इस युग में ऑफिस से लेकर घर तक हर कोई हरदम किसी न किसी तरह स्क्रीन से जुड़ा है। कभी मोबाइल तो कभी लैपटॉप तो कभी टीवी पर महिलाएं अपना वक्त बिताती हैं और इन गैजेट्स की स्क्रीन से निकलने वाली नीली किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। इन नीली किरणों को हाई-एनर्जी विजिबल लाइट्स के नाम से भी जाना जाता है जो सूरज की पराबैंगनी किरणों की तुलना में त्वचा की गहराई में प्रवेश करने की क्षमता रखती है। इस लिहाज से अगर देखा जाए तो स्क्रीन ने निकलने वाली नीली किरणें सूरज की किरणों की तुलना में कहीं अधिक घातक है। अगर इन किरणों से स्किन की रक्षा न की जाए तो चेहरे पर समय से पहले ही बुढ़ापे के साइन्स नजर आते हैं। ऐसे में महिला को झुर्रियां, स्किन ढीली पड़ जाना और हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।

ऐसा हो सनस्क्रीन

आजकल बाजार में कई तरह के सनस्क्रीन मिलते हैं तो यह जानना भी बेहद आवश्यक है कि आप किस सनस्क्रीन का चुनाव अपनी त्वचा के लिए करें। सबसे पहले तो आप कोशिश करें कि केमिकलयुक्त सनस्क्रीन की जगह ऑर्गेनिक सनस्क्रीन का प्रयोग करें। केमिकल युक्त सनस्क्रीन का लंबे समय तक त्वचा पर इस्तेमाल करना हानिकारक होता है। वहीं ऑर्गेनिक सनस्क्रीन में काओलिन क्ले , एलोवेरा, नारियल का तेल, ऑलिव ऑयल, बादाम के तेल आदि का प्रयोग किया जाता है, यह सभी उत्पाद स्किन के लिए बिल्कुल सेफ होते हैं।

मौसम का मिजाज

सनस्क्रीन का चुनाव करते समय हमेशा मौसम का ख्याल रखना चाहिए। गर्मी के मौसम में वाटर बेस्ड सनस्क्रीन सबसे अच्छा माना जाता है। ऑयल बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल अगर गर्मी के मौसम में किया जाएगा तो इससे चेहरा काफी चिपचिपा और गंदा नजर आता है। इसके साथ ही अगर बात इनडोर की हो तो आर्टिफिशल लाइट की रेडिएशन से स्किन का बचाव करने के लिए आप एसपीएफ 15 तक का सनस्क्रीन चुन सकती हैं।

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ऐसे करें अप्लाई

सनस्क्रीन को लगाने का भी अपना एक तरीका होता है और अगर उसे सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो इससे स्किन को अधिकतम लाभ मिलता है। सबसे पहले तो आप स्किन पर मॉइश्चराइजर लगाएं। कभी भी सीधे ही स्किन पर सनस्क्रीन नहीं लगाना चाहिए। मॉइश्चराइजर लगाने के कुछ देर बाद सनस्क्रीन अप्लाई करें। अगर आप अपना काफी समय स्क्रीन के सामने बिताती हैं तो यह जरूरी है कि आप दो से तीन बाद सनस्क्रीन दोबारा अप्लाई करें क्योंकि तब तक सनस्क्रीन का असर खत्म हो जाता है। वहीं अगर आपका काम कम देर का होता है तो आप पांच से छह घंटे बाद सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

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