
हरिद्वार। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाने पर संत समाज ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कानून सबसे ऊपर है। यदि कोई गलत करता है, तो वह सजा का पात्र है। संतो ने कहा कि जो जैसा करता है, उसको वैसा फल भोगना पड़ता है।
सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से फैसला आने के बाद अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने संतों को बदनाम करने का काम किया। वे तो संत परंपरा के हैं भी नहीं। देर से ही सही, लेकिन कोर्ट ने जो सजा दी है उसका सम्मान किया जाना चाहिए। जिन महिलाओं ने इंसाफ पाने के लिए लंबा संघर्ष किया है वे भी बधाई की पात्र हैं।
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भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मचारी ब्रह्मस्वरूप ने कहा कि राम रहीम जैसे लोगों का यही अंजाम है। ऐसे लोगों को संत कहना ही संत समाज का अपमान है। आस्था के नाम पर बुरे काम करना और फिर न्यायालय का आदेश आने पर उसे माने के बजाय हिंसा का तांडव करना किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं हो सकता।
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