बेहद विचित्र है बाबा ‘बर्फानी’ से जुड़ा रहस्य, इस गुफा में जो भी गया वो वापस नहीं लौटा

शिव खोड़ी गुफाआधुनिकता के इस दौर में विज्ञान चाहे जितनी प्रगति क्यों न कर चुका हो लेकिन कुछ बातों का जवाब इसके पास भी नहीं. इस दुनिया में आज भी कुछ ऐसे अजूबे मौजूद हैं जो अपनी किसी खासियत की वजह से लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं. ऐसी ही है बाबा अमरनाथ ‘बर्फानी’ के दुर्गम रास्ते में पड़ने वाली रहस्यमयी शिव खोड़ी गुफा.

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शिव खोड़ी गुफा का रहस्य

कहा जाता है कि इसके अंदर जाने वाला कभी फिर लौटकर नहीं आता. यह रहस्यमयी गुफा हमारे देश के ऐसे अनगिनत स्थानों में से एक है जिसका रहस्य अब तक अनसुलझा है. जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित यह गुफा करीब 150 मीटर लंबी है. 2 हिस्सों में बंटी इस गुफा में एक तरफ भगवान शिव का प्राकृतिक शिवलिंग है.

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इस शिवलिंग के ठीक ऊपर यानी गुफा की छत पर गाय के थनों जैसी आकृति बनी है, जिससे लगातार दूधिया रंग का तरल पदार्थ शिवलिंग पर गिरता रहता है. कुछ लोग इसे गोमाता का दूध कहते हैं तो कुछ गोमाता का आशीर्वाद. कहा यह जाता है की इस गुफा में आज भी भगवान शिव वास करते हैं.

यह गुफा अमरनाथ यात्रा के मार्ग में आती है इसलिए यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. लेकिन सबसे ख़ास है इस इस गुफा का दूसरा हिस्सा जिसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. कहा जाता है कि इस दूसरे हिस्से में जो भी गया फिर कभी वापस नहीं लौटा.

यह गुफा पूरी तरह अंधकारमय है। इसकी चौड़ाई 1 मीटर बताई जाती है। कहते हैं कि इस गुफा का दूसरा सिरा सीधा बाबा अमरनाथ की गुफा में जाकर खुलता है. एक किंवदंती के अनुसार, द्वापर युग तक भक्तजन इसी गुफा से होकर अमरनाथ जाते थे. लेकिन कलयुग के प्रारंभ के बाद जिस किसी ने भी इस गुफा में प्रवेश किया वह कभी लौटकर नहीं आया. इस कारण इस गुफा को बंद कर दिया गया है.

लोग बताते हैं कि कुछ साधुओं ने दिलेरी दिखाई और बंद गुफा की ओर गए लेकिन लौटकर नहीं आए. शिवखोड़ी श्राइन बोर्ड भी इस रहस्य से इंकार नहीं करता लेकिन इनके अनुसार गुफा के इस बंद हिस्से में ऑक्सीजन की कमी के कारण ऐसा होता है.

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