वैज्ञानिकों ने किया दावा, 9 दिनों के बाद संक्रामक नहीं रह जाता है कोरोना मरीज

कोरोना वायरस पर वैज्ञानिकों की शोध लगातार जारी है और हर दिन कुछ न कुछ नए तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं. अब एक नई स्टडी में ये बात पता चली है कि कोरोना वायरस के मरीज 9 दिनों के बाद संक्रामक नहीं रह जाते हैं. यानी 9 दिनों के बाद कोरोना वायरस के मरीज से ये बीमारी किसी दूसरे में नहीं फैलती है. ये स्टडी में छपी है. इस स्टडी की समीक्षा की जानी अभी बाकी है.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इसके लिए 79 स्टडीज से डेटा एकत्रित किए. शोध में पता चला कि गले, नाक और मल में होने के बावजूद इस वायरस के कण नौ दिनों के बाद संक्रामक नहीं रह जाते हैं. इस स्टडी के  प्रमुख शोधकर्ता मुगे केविक और एंटोनिया हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि लक्षण दिखने के बाद कोरोना वायरस का जेनेटिक मटीरियल, RNA मरीज के गले में  औसतन 17 से 83 दिनों तक रहता है लेकिन ये  RNA संक्रामक नहीं रह जाता है. शोधकर्ताओं ने ये भी कहा कि PCR टेस्ट में ये कमजोर RNA पकड़ में आ जाता है, जो नौ दिनों के बाद वायरस को फैलाने में असफल रहता है.

स्टडी के अनुसार, कोरोना वायरस का RNA श्वसन तंत्र और मल में लंबे समय तक रह सकता है लेकिन ये बहुत कम दिनों तक सक्रिय रहता है. इसलिए संक्रमण के बारे में पता लगाने के लिए वायरल  RNA का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

शोधकर्ताओं ने कहा, ‘कई स्टडी इस बात पर सहमत हैं कि कोरोना वायरस के मरीजों में वायरल लोड बहुत अधिक होता है. बीमारी के पहले सप्ताह में यानी लक्षण शुरू होने से लेकर दिन 5 दिनों तक मरीज सबसे अधिक संक्रामक रहता है. कई बार तो मरीज जब तक अपना टेस्ट कराता है, तक वो अपनी संक्रामक अवधि पार कर चुका होता है.’

शोधकर्ताओं के अनुसार, ये स्टडी कोरोना वायरस के मरीजों के जल्दी आइसोलेशन पर जोर डालती है. शोधकर्ताओं ने ये भी कहा कि जो लोग एसिम्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले हैं, आगे चलकर उनके भी संक्रामक होने की आशंका है. स्टडी में लोगों को इस महामारी के प्रति जागरूक करने को कहा गया है.

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