विशेषज्ञों ने कहा इस साल बढ़ सकती है UPSC प्री की कट-ऑफ ! देखें ऐसा क्यों …

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने 2 जून, 2019 को सिविस सर्विस की प्रिलिमनरी परीक्षा (CSE) का आयोजन किया था. जिसमें 8 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में उपस्थित हुए थे.

आपको बता दें, इस बार यूपीएससी की प्रिलिमनरी परीक्षा को परीक्षार्थियों ने प्रिलिमनरी परीक्षा पिछले 5 सालों में सबसे कठिन पेपर करार दिया है.

वहीं परीक्षार्थियों की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञ की राय के आधार पर, इस साल कट-ऑफ बढ़ने की संभावना है.

 

आइए जानते हैं-

बता दें, 2016 के बाद से अनारक्षित श्रेणी के लिए कट-ऑफ में गिरावट आई है. जो 200 में से 116 अंक था. साल 2017 में घटकर 105 और 2018 में 98 अंक हो गया है. इस रुझान जताया जा रहा है कि इस बार कट-ऑफ बढ़ने की उम्मीद है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार GS SCORE इंस्टीट्यूट के फैकल्टी मेंबर मनोज झा ने कहा, “UPSC परीक्षा अप्रत्याशित है. प्रश्न पत्र सेट करने के दौरान किसी भी ट्रेड को फॉलो नहीं किया जाता है.

हर साल परीक्षार्थी का दावा करते हैं कि परीक्षा कठिन है, हालांकि, यह एक कठिन परीक्षा है. उन्होंने कहा “इस साल अधिक वैचारिक प्रश्न (conceptual questions) पूछे गए थे. जो पिछले साल पूछे गए प्रश्नों से विपरित थे.

 

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बता दें, इस साल सामान्य वर्ग का कटऑफ 105-110, ओबीसी का 100-105 और एससी-एसटी का कटऑफ 80 -85 रहने की संभावना जताई जा रही है.

पिछले साल सामान्य वर्ग के कट ऑफ 98 और ओबीसी के लिए कट- ऑफ 96.66 था. वहीं SC के लिए 84 और ST 83.34 कट ऑफ थी.

UPSC प्रीलिम्स परीक्षा को दो भागों में बांटा गया था.  पार्ट  I में 100 प्रश्न थे और पार्ट 2 में 80 प्रश्न हैं. दोनों  पार्ट को मिलाकर 200 अंकों की परीक्षा का आयोजन किया गया है.

आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार, इस बार UPSC परीक्षा के माध्यम से 896 उम्मीदवारों का फाइनल चयन किया जाएगा.  जिसमें 39 पद नेत्रहीन और तेजाब हमले से पीड़ित दिव्यांगों के लिए आरक्षित है. वहीं साल  2018 में पदों की संख्या 782 थी.

 

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