विधानसभा चुनावों में 9 लाख मतदाताओं के दिल को नहीं भाया कोई उम्मीदवार, चुना NOTA

NOTAनई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए शनिवार को घोषित परिणामों के अनुसार कुल 936,503 उम्मीदवारों ने किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के बदले नोटा का विकल्प चुना है। निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, नोटा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं का सर्वाधित अनुपात गोवा में देखने को मिला है, जहां 1.2 प्रतिशत या 10,919 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है।

40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस 17 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि सत्ताधारी भाजपा को 13 सीटें मिली हैं। नोटा के मामले में दूसरा स्थान उत्तराखंड का है, और यहां कुल 1.0 प्रतिशत यानी 50,408 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना है।

यहां भाजपा ने 57 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, और सत्ताधारी कांग्रेस को 70 सदस्यीय विधानसभा में 11 सीटों से संतोष करना पड़ा है। आयोग के आंकड़े के अनुसार, नोटा के मामले में तीसरा स्थान उत्तर प्रदेश का है, जहां 0.9 प्रतिशत या 757,643 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प अपनाया है। यहां भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटों के साथ भारी जीत हासिल की है, जबकि 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी सपा 47 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर, 19 सीटों के साथ बसपा तीसरे स्थान पर और सात सीटों के साथ कांग्रेस चौथे स्थान पर रही है।

पंजाब नोटा के मामले में चौथे स्थान पर है। यहां 0.7 प्रतिशत या 108,471 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। कांग्रेस ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि 20 सीटों के साथ आप दूसरे स्थान पर और 15 सीटें जीत कर शिरोमणि अकाली दल तीसरे और तीन सीटों के साथ भाजपा चौथे स्थान पर है।

आयोग के अनुसार, मणिपुर में नोटा का प्रतिशत सबसे कम है। यहां 0.5 प्रतिशत या 9062 मतदाताओं ने इस विकल्प को चुना है। यहां 60 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें जीत कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि भाजपा 21 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है।

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