विदेशी मीडिया ने किया दावा- राफेल डील के बाद अनिल अंबानी को टैक्स में छूट

नई दिल्ली : फ्रांस के अधिकारियों ने अनिल अंबानी की मदद कर्ज चुकाने में की थी। जहां फ्रांस के कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया जा रहा हैं। देखा जाये तो अनिल अंबानी पर 162.6 मिलियन डॉलर का टैक्स बकाया था जिसे अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद रद्द कर दिया हैं।

 

ANIL AMBANI

 

लेकिन रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस’ को प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद बड़ी छूट मिली हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनिल अंबानी का कर्ज तब माफ किया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ राफेल डील की घोषणा की हैं।

 

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वहीं टैक्स विवाद को अक्टूबर 2015 में ही सुलझा लिया गया था जब भारत और फ्रांस की दसॉ एविएशन के बीच राफेल डील हुई थी। जहां इससे कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी की अप्रैल 2015 की आधिकारिक यात्रा में इस बात का ऐलान किया गया था कि भारत फ्रांस के दसॉ से 36 फाइटर जेट खरीदेगा.रिपोर्ट के मुताबिक अनिल अंबानी की कंपनी के बारे में कथित तौर पर फ्रांस के अधिकारियों ने जांच की हैं।

दरअसल अधिकारियों ने पाया कि 2007 से 2010 के बीच अनिल अंबानी की कंपनी पर 60 मिलियन यूरो टैक्स बकाया था. रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस ने 7.6 यूरो टैक्स के रूप में देने का प्रस्ताव दिया लेकिन फ्रांस के अधिकारियों ने आगे इस मामले की दोबारा जांच करने से इंकार कर दिया.2010 से 2012 के बीच एक और जांच फ्रांस के अधिकारियों ने की हैं।

इस बार अनिल अंबानी की कंपनी को 91 मिलियन यूरो टैक्स के रूप  में देने को कहा गया.अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन के साथ राफेल डील की घोषणा की जहां 36 हथियारबंद एयक्राफ्ट खरीदने की औपचारिक घोषणा के बाद  टैक्स की राशि बढ़कर 151 मिलियन यूरो के करीब हो गई।

लेकिन इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे और राफेल डील की घोषणा के बाद फ्रांस के टैक्स अधिकारियों ने अनिल अंबानी के हिस्से चढ़े 143.7 मिलियन यूरो टैक्स को माफ कर दिया हैं। सेटेलमेंट के तौर पर रिलायंस के महज 7.3 मिलियन यूरो पर बात बनी जबकि असली टैक्स डेब्ट करीब 151 मिलियन यूरो के आसपास था।

 

 

 

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