अटल विहारी वाजपेयी क्यों नहीं करवा पाए थे राममंदिर का निर्माण?

नई दिल्ली| राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक शिव सेना ने गुरुवार को लोकसभा में मांग की कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार अध्यादेश लेकर आए। शून्यकाल के दौरान शिव सेना के आनंद राव अडसुल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2014 के उसके चुनाव घोषणापत्र में राम मंदिर का निर्माण कराने के लिए किए गए वादे की याद दिलाई।

उन्होंने कहा कि सरकार को अगले आम चुनावों से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक अध्यादेश लाने की पहल करनी चाहिए।

प्रश्नकाल के दौरान सदन को दो बार संक्षिप्त रूप से स्थगित किए जाने के तुरंत बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शिवसेना नेता को इस मुद्दे को उठाने की अनुमति दी।

राम मंदिर के मुद्दे पर शिवसेना के सदस्य आक्रामक हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

अडसुल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राम मंदिर के निर्माण के लिए पहल नहीं कर सके क्योंकि वह 25 राजनीतिक दलों की गठबंधन सरकार चला रहे थे।

उन्होंने कहा, “लेकिन, यहां एक ऐसी सरकार है जिसके पास पूर्ण बहुमत है। इन्होंने अपने घोषणापत्र में भी उल्लेख किया है। इस सरकार के साढ़े चार साल पहले ही पूरे हो चुके हैं लेकिन कुछ भी नहीं हुआ है।”

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उन्होंने कहा, “भाजपा के साथ हमारा गठबंधन हिंदुत्व पर आधारित है लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा इसे भूल गई है।”

अडसुल ने यह भी कहा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम एक संकेत हैं और सरकार को इसे समझना चाहिए।

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