सरकार ने रद्द की वो पत्रिका, जिसे वाजपेयी ने किया था शुरू

बाजपेई की शुरू की पत्रिकानई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की शुरू की पत्रिका ‘राष्ट्र धर्म’ को रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई मोदी सरकार ने की है। आरएसएस के मुखपत्र ‘राष्ट्र धर्म’ की मान्यता डायरेक्टरेट ऑफ एडवरटाइजिंग एंड विजुअल पब्लिसिटी ने रद्द की है।

डीएवीपी की ओर से 6 अप्रैल को जारी एक एडवाइजरी के बाद केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। पत्रिका ‘राष्ट्र धर्म’ लखनऊ से प्रकाशित होती है। विभाग के निशाने पर यूपी से प्रकाशित होने वाले कुल 804 ऐसे अखबार और पत्रिकाएं हैं।

इन्होंने अक्टूबर 2016 से लेकर फरवरी 2017 तक अपनी मासिक प्रतियों को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) और डीएवीपी के कार्यालय में जमा नहीं किया। इस लिस्ट कुल 165 ऐसे अखबार और पत्रिकाएं हैं, जो यूपी से प्रकाशित होती हैं।

वाजपेई की शुरू की पत्रिका को मिला था नोटिस

एक एडवाइजरी भी मंत्रालय की वेबसाइट पर इसे लेकर जारी की गई है। इसमें प्रिंट मीडिया के लिए एडवरटाइजमेंट पॉलिसी 2016 की धारा 13 में नियमितता के बारे में जानकारी दी गई। इसमें यह साफ किया गया है कि सभी सूचीबद्ध अखबारों को अपनी मासिक प्रतियां उस महीने की 15 तारीख से पहले जमा करा दें। यह भी कहा गया है कि जो ऐसा नहीं करेगा उसे दिए जाने वाले विज्ञापन पर रोक लगा दी जाएगी।

डीएवीपी की ओर से इसे लेकर हर महीने एडवाइजरी प्रकाशित की गई, लेकिन बावजूद इसके प्रकाशकों की ओर से राष्ट्र धर्म पत्रिका के मासिक अंक कार्यालय में जमा नहीं किए, जिसके चलते अब इसे रद्द कर दिया गया है।

आपको बता दें कि ‘राष्ट्र धर्म’ को 1947 में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू किया था।

 

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