पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार छह मुस्लिम प्रत्याशी हुए पास, सपा-बसपा के 10 में से छह प्रत्याशी जीते  

सपा-बसपा गठबंधन के मुस्लिम प्रत्याशी संख्याबल के लिहाज से प्रथम श्रेणी में पास हुए। गठबंधन ने कुल 10 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से छह जीत गए। यानी मुस्लिम प्रत्याशियों के लिहाज से गठबंधन का रिजल्ट 60 फीसदी रहा।

लोकसभा चुनाव

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं चुना गया था। हालांकि, उपचुनाव में कैराना से रालोद की तबस्सुम बेगम जीत गई थीं। इस बार सपा ने चार और बसपा ने छह मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे।

सपा के चार में से तीन प्रत्याशी मुरादाबाद से डॉ. एसटी हसन, संभल से डॉ. शफीकुर्रहमान और रामपुर से पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खां विजयी रहे। आजम खां सारे समीकरणों को ध्वस्त करते हुए करीब एक लाख 10 हजार मतों से जीते। कैराना से सपा प्रत्याशी तबस्सुम बेगम नहीं जीत पाईं। वे दूसरे नंबर पर रहीं।
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सहारनपुर से बसपा उम्मीदवार हाजी फजलुर्रहमान कांग्रेस की ओर से इमरान मसूद को मैदान में उतारे जाने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को पटखनी देने में कामयाब रहे। अमरोहा से बसपा के कुंवर दानिश अली और गाजीपुर से अफजाल अंसारी ने भी जीत दर्ज की। वहीं, धौरहरा से बसपा प्रत्याशी अरशद इलियास सिद्दीकी, डुमरियागंज से आफताब आलम और मेरठ से हाजी महमूद याकूब के सिर जीत का सेहरा नहीं बंध सका।

कांग्रेस के आठों मुस्लिम प्रत्याशियों को शिकस्त  
कांग्रेस ने यूपी में आठ मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सभी को शिकस्त का सामना करना पड़ा। सहारनपुर से इमरान मसूद, बिजनौर से नसीमुद्दीन सिद्दीकी, मुरादाबाद से इमरान प्रतापगढ़ी, बदायूं से सलीम इकबाल शेरवानी, खीरी से जफर अली नकवी, फर्रुखाबाद से सलमान खुर्शीद, सीतापुर से कैसर जहां और देवरिया से नियाज अहमद नहीं जीत सके।

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