लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, जानें सरकार ने क्या दिए निर्देश

नई दिल्ली।  कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए देश के अकांश शहरों में लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने निजी और सार्वजनिक कंपनियों के कर्मचारियों की सुधि ली है. केंद्र सरकार ने इन क्षेत्रों की कंपनियों से कहा है वे इस संकट की घड़ी में कर्मचारियों की न ही छंटनी करें और न ही उनका वेतन काटें श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव हीरालाल समरिया ने इस बाबत सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले ही बिजनेस समुदाय और उच्च आय वर्ग के लोगों से भी इस तरह की अपील कर चुके हैं.

केंद्र सरकार ने कंपनियों से कहा- न छंटनी करें और न किसी का पैसा काटें

कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। केंद्र और राज्य सरकार को निजी और सार्वजनिक कंपनियों के कर्मचारियों के लिए कुछ सुविधा देने की बात कही है। सरकार का कहना हेै कि इस संकट के समय में वह अपने कर्मचारियों का ध्यान रखें। ना ही उनकी छटनी करें और ना ही उनका वेतन काटें।

 

लेबर सेक्रेटरी हीरालाल सामरिया ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस से पैदा संकट के बीच कर्मचारियों की सहूलियतों का ध्यान रखना जरूरी है. सभी पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों को सुझाव दिया जाता है कि वे इस दौरान किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करेंगे और न ही उनका पैसा काटेंगे. अगर कोई कर्मचारी छुट्टी लेता है तो भी वह ड्यूटी पर माना जाएगा.

 

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लेबर सेक्रेटरी ने कहा है कि इस विपरीत परिस्थिति में अगर किसी कर्मचारी को टर्मिनेट किया जाता है तो इससे स्थिति और खराब होगी. किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई इस महामारी से लड़ने में उसकी इच्छाशक्ति को कम करेगा. लेबर सेक्रेटरी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से अपने राज्य में स्थित निजी और सार्वजनिक कंपनियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने को कहा है.

 

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