लक्षमण झूले के बाद अब खतरे में है रामझूला, कैपेसिटी से ज्यादा सह रहा है भार

ऋषिकेश। ऋषिकेश स्तिथ लक्ष्मण झूला पुल की आय सीमा पूरी होने के बाद राज्य सरकार ने लक्ष्मण झूला पर आवाजाही पूरी तरीके से बंद कर दिया है, अब ऐसे में लक्ष्मण झूला के बाद रामझूला पर आवाजाही अधिक हो गई है, लिहाजा राम झूला पुल पर पड़ रहे अत्याधिक भाग से भी राम झूला पर खतरा मंडराने लगा है। लिहाजा लोक निर्माण विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेजकर राम झूला पल पर दोपहिया वाहनों को प्रतिबंध लगाने और सीमित संख्या में पैदल यात्रियों भेजने को कहा है।

लक्षमण झूले

आपको बता दें कि 1985 में राम झूला पुल तैयार किया गया था। और उस समय 220 मीटर लंबे बने राम झुला पुल का निर्माण सिर्फ पैदल यात्रियों के आवाजाही के लिए बनाया गया था। लेकिन सबसे पैदल यात्री के साथ-साथ दोपहिया वाहनों की आवाजाही भी चल रही थी ऐसे में राम झूला पुल पर दबाव पहले से ही ज्यादा था लेकिन अब जब लक्ष्मण झूला पुल अपनी सीमा समाप्त कर चुका है ऐसे में राम झूला पुल पर दबाव पहले से ज्यादा बढ़ गया है लिहाजा आने वाले समय में राम झूला पुल की स्थिति खतरनाक हो सकती है।

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कोई भी पुल, झूला पुल या फिर सड़क बनाती हैं तो उसकी रोड कैपेसिटी भी निर्धारित होती है, अगर लक्ष्मण झूला में खराबी आई हैं तो उसका कारण भी यही रहा होगा कि कभी इस बात पर चिंता नहीं किया गया कि उसको निर्धारित मानकों के अनुसार ही चलाया जाए, और इसलिए जो राम झूला है उसकी भी एक लिमिट है। और उन मानकों के अनुसार ही हो सकता है, राम झूला पर भी अधिक लोड हो, जिस वजह से थोड़ी दिक्कत जरूर है लेकिन अभी खतरे वाली कोई बात नहीं है।

 

 

 

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