रिश्वत खोरी का ऐसा नजारा शायद ही आपने कभी देखा हो, सुनकर कांप उठेगी आत्मा

आगरा। आगरा में दवा विक्रेता ने ड्रग विभाग के औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा और बृजेश यादव पर 35 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। रुपयों का इंतजाम न करने पर छापे की धमकी दी गई। डीएम-एसएसपी से शिकायत की है। एसएसपी ने सिकंदरा पुलिस को जांच सौंपी है। उधर, ड्रग विभाग ने दवा विक्रेता के यहां छापामारी भी कर दी है।

रिश्वत खोरी
श्री दीक्षा बांके बिहारी धाम, सिकंदरा निवासी हरीबाबू एसडीजी ड्रग्स फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर हैं। इनका आरोप है कि ड्रग इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा और बृजेश यादव ने उनसे 35 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। इसकी चार ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है। रुपये न मिलने पर मेरी फर्म पर छापा मारा गया है।

घटनाक्रम बताते हुए हरीबाबू का आरोप है कि 31 जनवरी को शाम के लगभग तीन बजे उनके आवास पर दोनों डीआई आए और बोले कि तुम नकली दवाओं का व्यापार करते हो। धमकाते हुए घर की तलाशी ली, फर्म के लाइसेंस के कागजात रख लिए।
35 लाख रुपये का इंतजाम करने को कहा’
पुलिस और मजिस्ट्रेट बुलाकर जेल भिजवाने को धमकाते हुए 35 लाख रुपये के इंतजाम करने को कहा। मेरे घर में बने कमरे को सील कर दवाएं ले गए। आरोप है कि पिस्टल के बल पर फतेहाबाद रोड स्थित पंचवटी अपार्टमेंट ले गए और खाली पेपरों पर मेरी फर्म की मुहर लगाकर हस्ताक्षर करवाकर लिए।

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उधर, इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा ने बताया कि रिकॉर्डिंग में मेरी आवाज नहीं है। दवा विक्रेता नकली दवाओं का कारोबार करता है, वह झूठ बोल रहा है।

वहीं ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश यादव का कहना है कि ये नकली दवाओं का कारोबारी है। 31 जनवरी से इसके यहां कार्रवाई चल रही है। इसे रोकने के लिए झूठ बोल रहा है।

सहायक आयुक्त औषधि शिवशरण सिंह ने बताया कि नकली दवाएं बनाता है, इसे पकड़ने के लिए ड्रग इंस्पेक्टरों ने चारा डाला था। वैसे मैं दो दिन से यहां नहीं था।
फोन पर बातचीत के अंश
– दवा विक्रेता: 20 की व्यवस्था हो गई है सर हमारा थोड़ा भला कर दो सर।
– ड्रग इंस्पेक्टर : नहीं नहीं, पीरियड में टाइम दिलवा दूंगा, कल तुम्हारे यहां रेड का प्रोग्राम है सुबह सुबह, मजिस्ट्रेट के संग।
– दवा विक्रेता: नहीं सर आपके होते हुए रेड मत पड़वाओ, सर 20 लाख की व्यवस्था हो गई है, कितना बचा है थोड़ा ही बचा है।
– ड्रग इंस्पेक्टर: थोड़ी सहूलियत दिला सकता हूं, चलो पांच और कम कर देना।
– दवा विक्रेता: मतलब 35 लाख में से पांच कम कर दें।
ड्रग इंस्पेक्टर हंसते हुए : 35 में से पांच कम कर दो तो 30 हो गए ना। बाईपास पर हो न, वहीं रुको, मैं किसी को भेज दूंगा, नंबर भेज रहा हूं, वह जहां बुलाए उसको दे देना।
– दवा विक्रेता: सर इतनी बड़ी रकम किसी को देना ठीक रहेगा।
– ड्रग इंस्पेक्टर : मैं बोल रहा हूं ना, दे देना।
– दवा विक्रेता: सर 20 लाख की व्यवस्था हो गई है, ज्यादा नहीं हो पा रही है, परेशान हो गया हूं, सर 20 लाख में ही निपटवा दो काम।
दो लाख की दवाएं जब्त, ऑफिस किया सील
ड्रग विभाग ने श्री बांकेबिहारी धाम सिकंदरा स्थित एसडीजी फार्मास्युटिकल्स पर छापा मारकर दो लाख की दवाएं जब्त की। टीम ने यहां कैच कवर और पैकिंग मशीन भी सीज कर दी है।

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ड्रग विभाग की टीम ने एसडीजी फार्मास्युटिकल्स पर छापा मारा। इस फर्म का निदेशक हरीबाबू है। इसके घर के कमरे में पैकिंग मशीन मिली। यहां पर पर अन्य दवाओं के लेबल भी मिले, जिस पर निर्माता का नाम पोलो फार्मा हिमाचल प्रदेश लिखा हुआ है। दो लाख रुपये की दवाएं भी थी।

दवाओं को जब्त करते हुए आफिस और मशीन को सील कर दिया है। सहायक आयुक्त औषषि शिवशरण सिंह ने बताया कि यह अन्य कंपनी की नकली दवाएं बनाकर बेचने का कारोबार करता है। ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने दवाएं सीज कर आफिस को सील लगा दिया है। इसके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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