रियो ओलम्पिक : श्रीकांत ने कायम रखी उम्मीद, एथलीटों ने किया निराश

रियो ओलम्पिकरियो डी जनेरियो | भारत के अग्रणी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने सोमावार को एकल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में पहुंच ब्राजील की मेजबानी में जारी रियो ओलम्पिक खेलों में भारत की पदक की उम्मीदों को जिंदा रखा है। हालांकि दूसरी तरफ भारतीय एथलीटों ने अपने निराशाजनक प्रदर्शन से देश को मायूस किया है। पहलवान रविंदर खत्री भी स्वतंत्रता दिवस के दिन देश को खुश नहीं दे पाए और ओलम्पिक से बाहर हो गए।

विश्व के 11वीं विश्व वरीयता प्राप्त खिलाड़ी श्रीकांत ने प्री-क्वार्टर मुकाबले में रियो सेंटर के पवेलियन-4 में खेले गए इस मैच में पांचवीं विश्व वरीयता प्राप्त डेनमार्क के जैन ओ जोर्गेनसेन को सीधे गेमों में 21-19, 21-19 से हराया।

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डेनमार्क के खिलाड़ी ने भारतीय खिलाड़ी को अच्छी चुनौती दी, लेकिन वह जीत दर्ज नहीं कर पाए। दोनों खिलाड़ियों के बीच पूरे मैच में अच्छी प्रतिस्पर्धा देखी गई। पहला गेम एक समय 10-10 से बराबरी पर चल रहा था, यहां से श्रीकांत ने 13-12 की बढ़त हासिल की।

लेकिन जोर्गेनसेन ने तुरंत वापसी करते हुए फिर 13-13 से बराबरी कर ली। भारतीय खिलाड़ी ने लगातार दो अंक हासिल करते हुए 15-13 से बढ़त ले ली। श्रीकांत ने इस बढ़त को कायम रखा और गेम 20 मिनट में 21-19 से अपने नाम किया।

दूसरे गेम में जोर्गेनसेन ने शानदार खेल दिखाया और पहले गेम के आधार पर इस गेम में भारतीय खिलाड़ी की कमजोरियों पर वार किया।

श्रीकांत ने दूसरे गेम में 3-2 से बढ़त ले ली थी जिसे उन्होंने 8-6 तक पहुंचा दिया। जोर्गेनसेन ने संयम से काम लिया और दो शानदार शॉट खेलते हुए स्कोर 8-8 कर दिया।

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बराबरी करने के बाद जोर्गेनसेन, श्रीकांत पर हावी हो गए और तुरंत दो अंक हासिल करते हुए आगे निकल गए। लेकिन राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के मार्गदर्शन में अभ्यास करने वाले श्रीकांत ने धैर्य बनाए रखा और फिर 10-10 से बराबरी कर ली।

यहां से दोनों खिलाड़ियों के बीच आगे निकलने की होड़ मच गई और हर एक अंक के बाद स्कोर बराबरी पर आ जाता। एक समय श्रीकांत 17-14 से पीछे थे और लग रहा था कि जोर्गेनसेन दूसरा गेम जीत मैच तीसरे गेम में ले जाएंगे। इस दौरान श्रीकांत ने अपनी समझदारी के साथ चुस्ती फुर्ती की बदौलत वापसी की और कुछ शानदार शॉट खेल स्कोर 17-17 से बराबर कर लिया।

श्रीकांत ने यहां से मैच पर नियंत्रण पा लिया और जोर्गेनसेन पर हावी हो गए। अंतत: दूसरे गेम में 22 मिनट में 21-19 से जीत दर्ज करते हुए श्रीकांत ने क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की।

रियो ओलम्पिक में अभी तक भारत को एक भी पदक नहीं

क्वार्टर फाइनल में अब उनके सामने लगातार दो बार के चैम्पियन चीन के लिन डैन की कड़ी चुनौती होगी। बीजिंग ओलम्पिक-2008 और लंदन ओलम्पिक-2012 विजेता डैन विश्व चैम्पियनशिप में बीते 10 वर्षो में पांच बार चैम्पियन रह चुके हैं।

श्रीकांत के खिलाफ उनका रिकॉर्ड 2-1 का है। हालांकि चीन ओपन-2014 में आखिरी भिड़ंत में श्रीकांत उन्हें मात देने में सफल रहे थे।

भारत को सबसे ज्यादा निराशा एथलेटिक्स में हाथ लगी जहां एक भी भारतीय अगले दौर में नहीं पहुंच पाया।

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भारत की लंबी दूरी की महिला धाविका ललिता शिवाजी बाबर महिलाओं की 3,000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में 1984 के बाद भारत का प्रतिनिधित्तव कर रहीं थी। इससे पहले पी.टी.ऊषा ने इस स्पर्धा में ओलम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्तव किया था।

ललिता फाइनल में 10वां स्थान हासिल कर सकीं। ललिता ने नौ मिनट 22.74 सेकेंड का समय निकालते हुए फिनिश लाइन पार की।

ललिता स्पर्धा का स्वर्ण जीतने वाली बहरीन की रुथ जेबेट से पूरे 22.99 सेकेंड पीछे रहीं। रियो ओलम्पिक में ही हीट स्पर्धा के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (9:19.76) कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम करने वाली ललिता अपने प्रदर्शन में और सुधार नहीं कर सकीं।

ट्रैक एंड फील्ड में भी भारत को कोई सफलता हाथ नहीं लगी।

रियो ओलम्पिक में भारतीय खिलाडि़यों ने किया निराश

भारत की महिला फरार्टा धाविका श्रावणी नंदा महिलाओं की 200 मीटर स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में निराशाजनक प्रदर्शन कर बाहर हो गईं। क्वालिफिकेशन राउंड के हीट-5 में आठ प्रतिभागियों के बीच श्रावणी छठे स्थान पर रहीं। वह कुल 72 खिलाड़ियों के राउंड-1 में 55वें स्थान पर रहीं।

उन्होंने 23.58 सेकेंड का समय निकालते हुए फिनिश लाइन पार की। वह हीट-5 में शीर्ष पर रहीं नाइजीरिया की ब्लेसिंग ओकागबेयर (22.71 सेकेंड) से पूरे 0.85 सेकेंड पीछे रहीं।

रंजीत महेश्वरी भी भारत की निरशा को दूर नहीं कर सके और अपने दूसरे ओलम्पिक में पुरुषों की तिहरी कूद स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में निराशजनक प्रदर्शन कर फाइनल की दौड़ से बाहर हो गए।

सेमीफाइनल में प्रवेश करने के लिए 16.95 मीटर क्वालिफिकेशन मानक था, लेकिन रंजीत अपने तीनों ही प्रयासों में इसे नहीं छू सके। वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आस-पास भी नजर नहीं आए, जो उन्होंने इसी वर्ष बेंगलुरू में इंडियन ग्रांप्री. के दौरान हासिल किया था।

रंजीत ने इसी वर्ष बेंगलुरू में हुए इंडिया ग्रांप्री. में 17.30 मीटर दूरी कूदते हुए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था।

रंजीत ने पहले प्रयास में 15.8 मीटर की दूरी हासिल की। दूसरे प्रयास में उन्होंने और सुधार करते हुए 16.13 मीटर की कूद लगाई। तीसरे प्रयास में हालांकि वह सिर्फ 15.99 मीटर की दूरी ही कूद सके और फाइनल की दौड़ से बाहर हो गए।

कुल 58 प्रतिभागियों में शीर्ष-12 खिलाड़ी सेमीफाइनल में प्रवेश करने में सफल रहे, लेकिन रंजीत 30वां स्थान ही हासिल कर सके।

पहलवान रविंदर खत्री ने भारतीय समर्थकों की मायूसी को और बढ़ा दिया। वह ग्रीको रोमन कुश्ती स्पर्धा के 85 किलोग्राम भारवर्ग में अपना पहला मुकाबला हारकर ओलम्पिक से बाहर हो गए।

कैरियोका अरेना-2 के मैट-बी पर हुए मुकाबले में रविंदर हंगरी के अपने प्रतिद्वंद्वी विक्टर लॉरिंज के आगे कहीं भी नहीं टिक सके और 0-9 से मुकाबला गंवा बैठे।

रविंदर अपने प्रतिद्वंद्वी के आगे इतने कमजोर साबित हुए कि पीरियड-2 का मुकाबला ही नहीं कराना पड़ा। लॉरिंज ने 9 टेक्निकल पॉइंट और 4 क्लास पॉइंट हासिल किए, जबकि रविंदर को एक भी अंक हासिल नहीं हुआ।

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