राष्ट्रीय खेल दिवस 2019: यह है होनहारों की पूरी लिस्ट, एक नजर में देखें

आप सभी युवराज सिंह को तो जानते ही होंगे, लेकिन क्या आप सभी जानते हैं कि वह कहां से उठ कर आए और क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक पहचान बनाई। 18 साल का कमल कन्यास कैंसर से जंग लड़कर युवराज सिंह बना. युवराज सिंह ने कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को मात दी और फिर से टीम में शामिल हो गए। जब वह 15 साल के थे तब उन्हें कैंसर हुआ था। लेकिन उन्होंने कैंसर को मात दी और जिंदगी में आगे बढ़ें। आज उसका चयन वीनू मांकड़ ट्रॉफी के लिए हुआ है।

राष्ट्रीय खेल दिवस 2019

कमल कन्याल मूल रूप से ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज के ग्राम नलई के रहने वाले हैं। उनके पिता उमेश कन्याल आर्मी से सेवानिवृत्त हैं। अब परिवार समेत गौलापार के कुंवरपुर में रहते हैं। कमल हल्द्वानी के कोल्ट्स क्रिकेट एकेडमी में कोच मनोज भट्ट की देखरेख में ट्रेनिंग ले रहे हैं। वह केंद्रीय विद्यालय हल्द्वानी में इंटर के छात्र हैं।

हार नहीं मानी
कमल कन्याल ने 2013-14 में क्रिकेट खेलना शुरू किया। बाएं हाथ के टॉप आर्डर बल्लेबाज कमल को करीब एक साल बाद ब्लड कैंसर का पता चला। बीमारी का पता चलने के बाद परिवार ने मुश्किल से नोएडा में इलाज कराया। इस दौरान करीब एक साल तक कमल क्रिकेट से दूर रहे। बीमारी ठीक होने के बाद उन्होंने क्रिकेट में वापसी की और 2018 में वीनू मांकड़ ट्रॉफी में स्थान पक्का किया। इस दौरान उन्होंने एक अर्द्धशतक भी लगाया। उनका अधिकतम स्कोर 52 रन है।

इन पर भी है नाज

कार्तिक जोशी: हल्द्वानी निवासी कार्तिक जोशी प्रदेश की रणजी टीम का हिस्सा रहे हैं। वह अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर सुर्खियों में आए थे। कार्तिक को अंतिम समय में टीम में शामिल किया गया था। वह चयनकर्ताओं का भरोसा जीतने में कामयाब रहे थे।

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पीयूष जोशी: हल्द्वानी निवासी पीयूष जोशी ने भी अंडर-23 सीके नायडू ट्राफी में दोहरा शतक ठोका था। पीयूष ने सिक्किम के खिलाफ केवल 227 गेंदों पर 200 रन बनाए थे।

मयंक मिश्रा: प्रदेश की रणजी टीम में स्पिन आलराउंडर के रूप में शामिल मयंक मिश्रा ने पिछले सीजन में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने गेंद के साथ ही बल्ले से भी कमाल दिखाया था।

मीनाक्षी जोशी: आवास विकास निवासी मीनाक्षी जोशी ने भी संघर्षों के दम पर वीनू मांकड़ ट्रॉफी में स्थान पक्का किया था। मीनाक्षी के पिता आर्मी में तैनात रहे हैं। मीनाक्षी दाएं हाथ की मीडियम पेसर गेंदबाज है।

दिव्या बोहरा: हल्द्वानी निवासी दिव्या बोहरा भी वीनू मांकड़ ट्रॉफी के लिए प्रदेश की टीम में चयनित हुई थी। उसने अंडर-19 बोर्ड ट्राफी का कैंप भी किया है।

 

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