राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप में विनेश, साक्षी पर नजरें, चोटिल बजरंग नहीं खेलेंगे

गोंडा। यहां नंदिनी नगर स्पोटर्स कॉम्पलेक्स में शुक्रवार से शुरू हो रहीं पुरुष और महिला राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप में देश के लगभग सभी बड़े खिलाड़ी अपना दम दिखाएंगे। पुरुषों की यह 63वीं राष्ट्रीय चैम्पियनशिप है तो वहीं महिलाओं की 21वीं सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप है।

राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप

ओलम्पिक रजत पदक विजेता साक्षी मलिक से लेकर राष्ट्रमंडल तथा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में शिरकत करेंगी। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पुरुष पहलवान बजरंग पूनिया हालांकि चोट के कारण राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में नहीं खेलेंगे।

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विश्व कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने 15 नवंबर से ग्रेडेशन कॉन्ट्रेक्ट लागू किया है। इस नियम के हिसाब से ओवरऑल प्रदर्शन में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के प्रदर्शन को भी शामिल किया जाएगा। इस लिहाज से यह टूर्नामेंट देश के पहलवानों के लिए काफी अहम है।

रेलवे का हमेशा से कुश्ती में दबदबा रहा है और वह मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन भी है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि इस साल रेलवे स्पोर्ट्स प्रोमोशन बोर्ड (आरएसपीबी) टीम दूसरी टीमों की चुनौती का किस तरह सामना करती है।

आरएसपीबी टीम की कमान विनेश (57 किलोग्राम भारवर्ग) के हाथों में होगी जबकि ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (62 किलोग्राम भारवर्ग) और एशियाई चैम्पियनशिप स्वर्ण पदक विजेता नवजोत कौर (68 किलोग्राम भारवर्ग) इस टीम को मजबूती देती नजर आएंगी।

हरियाणा को मौसम खत्री और गीता फोगाट जैसे दिग्गजों पर भरोसा होगा जबकि सर्विसेज की टीम अपने श्रेष्ठ पहलवानों के बूते आरएसपीबी को चुनौती देती नजर आएगी।

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आरएसपीबी तीन वर्गो-पुरुष फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन और महिला फ्रीस्टाइल में इस साल खिताब बचाने का प्रयास करेगा। आरएसपीबी और हरियाणा ने सबसे अधिक 48-48 पहलवान इस चैम्पियनशिप के लिए भेजे हैं। इसका कारण चैम्पियनशिप को वो नियम है जिसके हिसाब से पिछले संस्करण में जिन राज्यों और संस्थानों ने पोड़ियम पर जगह बनाई होती है उसे अपने ज्यादा पहलवान भेजने का मौका मिलता है।

इंदौर में खेले गए पिछले संस्करण में आरएसपीबी और रेलवे का वर्चस्व रहा था।

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) प्रति राज्य के हिसाब से हर वर्ग में आठ पहलवानों को हिस्सा लेने की अनुमति देता है लेकिन दिल्ली (फ्रीस्टाइल पुरुष), उत्तर प्रदेश (फ्रीस्टाइल महिला) तथा सर्विसेज (ग्रीको-रोमन) को भी डब्ल्यूएफआई के नए नियम से फायदा हुआ है और अब इन तीन टीमों ने इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप मे जिन वर्गो में पदक जीते थे, उनके लिए आठ अतिरिक्त खिलाड़ी भेजे हैं।

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण ने कहा कि राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का मकसद उभरते हुए पहलवानों को मौका देना है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में दूसरी टीमों को अच्छा करने के लिए प्रेरित करने हेतु हमने टॉप-3 फिनिशर्स को अतिरिक्त एंट्री दी है।”

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डब्ल्यूएफआई ने पहली बार प्लेअर कांट्रैक्ट की शुरुआत की है और यह 16 नवम्बर से लागू हो गया है। कुश्ती महासंघ प्रमुख ने हालांकि कहा कि औपचारिक घोषणा के दौरान ही कांट्रैक्ट हैंडलिंग लागू होगी। महिला एवं पुरुष राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का समापन दो दिसम्बर को हो रहा है। इसमें 27 राज्यों और दो संस्थानों से 800 पहलवान और अधिकारी हिस्सा लेंगे।

ग्रीको रोमन इवेंट्स में रेलवे का दबदबा देखने को मिलेगा। सर्विसेज और हरियाणा की टीमें रेलवे को चुनौती देती नजर आएंगी लेकिन रेलवे को हराना आसान नहीं होगा क्योंकि देश के टॉप राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय पदकधारी रेलवे के साथ हैं।

ऐसे में जबकि कुश्ती का खेल दूसरे राज्यों में अधिक मशहूर नहीं हुआ है, मिजोरम (8), मणिपुर (18) और नागालैंड (11) ने तीन वर्गो में सबसे कम पहलवान भेजे हैं। इसी तरह पुडुचेरी ने 24 खिलाड़ी भेजे हैं। पुडुचेरी ने बीते संस्करणों में भी पूरी टीम नहीं भेजी थी।

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