अभी-अभी : पलटी बाजी! रामनाथ कोविंद को मिली कभी न भूलने वाली हार, केजरीवाल ने मार लिया मैदान
नई दिल्ली। पिछले एक महीने से चल रहा राष्ट्रपति चुनाव की गरमा-गरमी का माहौल अब ठंडा पड़ चुका है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार को दोगुने से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है। कोविंद आगामी 25 जुलाई को पद की शपथ लेंगे। कोविंद को मिली इस सफलता से पूरी भाजपा में खशी का माहौल है और इस जीत के बाद केंद्र के लिए 2019 की राह भी कुछ हद तक आसान हो गई है।
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इस चुनाव में भाजपा के साथ साथ कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी पार्टी लाइन से हटकर कोविंद के पक्ष में मतदान किया है। हालांकि इन सबके बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए सबसे अच्छी खबर आ रही है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के शुरू होने से कुछ माह पहले से ही आम आदमी पार्टी में फूट की खबर सामने आ रही थी। आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा के द्वारा लगातार एक बाद एक लगाए आरोपों से पार्टी के बिखरने की खबरों को और भी बल मिल गया था लेकिन इन सबके बाद भी केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर सामने आई है। इस राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा केजरीवाल को पहुंचा है।
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दरअसल पार्टी में फैली इतनी उठापटक के बावजूद भी राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी के केवल दो विधायकों ने ही पार्टी की लाइन से हटकर वोटिंग की है। वहीं चुनाव से पहले आप में क्रॉस वोटिंग की संभावना ज्यादा थी। आप के अलावा कांग्रेस के भी कुछ विधायकों ने कोविंद के पक्ष में ही वोटिंग की है।
पंजाब भी रहा एकजुट
सीएम केजरीवाल के लिए दूसरी राहत भरी खबर पंजाब से आई है जहां पार्टी के एक भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की है। यहां पार्टी के 20 विधायक हैं और केवल एस एस फुल्का ने ही 1984 के दंगो का हवाला देते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया।