राम मंदिर के लिए पत्थर आने से बढ़ी सरगर्मी, बाबरी मस्जिद समर्थकों में आक्रोश

रामजन्मभूमिअयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की नई खेप आने से सरगर्मी बढ़ गई है। जहां मंदिर समर्थकों में उत्साह है, वहीं बाबरी मस्जिद समर्थकों में आक्रोश है। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास ने कहा, केंद्र में मोदी एवं प्रदेश में योगी सरकार होने से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ है और प्रबल उम्मीद है कि राम मंदिर का निर्माण अति शीघ्र शुरू होगा। उनका अनुमान है कि 2019 के लोस चुनाव के पूर्व मंदिर निर्माण किसी भी सूरत में शुरू हो जाएगा।

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विवादित इमारत में रामलला की मूर्ति रखने के आरोपी रहे अभिरामदास के शिष्य एवं उत्तराधिकारी महंत धर्मदास के अनुसार, पत्थरों की आवक अत्यंत उत्साहजनक है और इससे जाहिर होता है कि मंदिर निर्माण की तैयारियां पुख्ता हैं। उनका दावा है कि पूरा विश्व रामजन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण चाहता है और उन्हीं लोगों को आपत्ति है, जो राजनीतिक और वैयक्तिक स्वार्थ की वजह से मंदिर का विरोध कर रहे हैं। बाबरी मस्जिद के मुद्दई एवं अंजुमन मोहाफिज मकाबिर व मसाजिद के स्थानीय सदर हाजी महबूब का कहना है कि केंद्र एवं प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार हो पर अदालत सबसे ऊपर है और अदालत का फैसला आए बिना किसी की हैसियत नहीं है कि वहां एक भी ईंट रख दे। उन्होंने यह भी कहा कि विहिप और रामजन्मभूमि न्यास के विरोध में मुसलमान भी बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए पत्थरों की तराशी शुरू कराएंगे।

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हाजी महबूब ने मंदिर निर्माण के लिए पत्थर मंगाए जाने को माहौल बिगाड़ने वाला भी बताया और चेतावनी दी कि मुसलमान चूड़ियां पहन कर नहीं बैठा है। बाबरी मस्जिद के एक अन्य मुद्दई मो. इकबाल अंसारी ने भी मंदिर निर्माण की तैयारियों में तेजी को माहौल बिगाड़ने वाला करार दिया और कहा कि ऐसा कोई भी काम नहीं होना चाहिए, जिससे हिन्दू-मुस्लिम में नफरत पैदा हो। उनका मानना है कि मंदिर निर्माण की कोशिश कानून की उपेक्षा है और देश की भलाई इसी में है कि मंदिर-मस्जिद विवाद में अदालती फैसले का इंतजार किया जाए।

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