न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद बोली महिला हॉकी खिलाड़ी, दूसरो को नहीं खुद पर देना होगा ध्यान

रानी रामपालनई दिल्ली। न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय महिला हॉकी टीम की कमान संभालने वाली अनुभवी फारवर्ड रानी रामपाल का कहना है कि आगामी टूर्नामेंट में उनकी टीम को प्रतिद्वंद्वी टीमों के नहीं, बल्कि अपने खेल पर ध्यान देना है।

उल्लेखनीय है कि इस टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को 5-0 से मात दी थी।

जोहांसबर्ग में आठ जुलाई से शुरू हो रहे वर्ल्ड हॉकी लीग (डब्ल्यूएचएल) सेमीफाइनल के बारे में रानी ने कहा, “नए कोच शुअर्ड मरेन ने सलाह दी है कि हमें प्रतिद्वंद्वी टीम के खेल पर नहीं बल्कि अपने खेल पर ध्यान देना है। हमें यह देखना है कि एक मुकाबले में टीम क्या बेहतर कर सकती है।”

न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के कारणों के बारे में रानी ने कहा, “न्यूजीलैंड की टीम हमसे काफी ऊंची रैंकिंग पर है और मजबूत भी है। अभी अगर आप उनके प्रदर्शन को देखें, आपको यह अंदाजा हो जाएगा कि आने वाले समय में यह टीम विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर जा सकती है।”

बकौल रानी, “हम इस टेस्ट सीरीज में वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफाइनल की तैयारियों के लिए गए थे और हमें अच्छा अनुभव मिला। हम जानते हैं कि हम अधिक गोल नहीं कर पाए, लेकिन हमने अपनी कमियों को जाना है और उसमें हम सुधार करेंगे।”

इस सीरीज से मिली सबसे बड़ी सीख के बारे में रानी ने कहा, “एक बात, जो हमने जानी, वह यह थी कि न्यूजीलैंड की टीम शारीरिक रूप से बहुत मजबूत है और इस कारण हम उनको अच्छी प्रतिस्पर्धा नहीं दे पाए। हमें भी शारीरिक रूप से मजबूत होने की बेहद जरूरत है।”

न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ मैच जीतने के लिए जरूरी चीज के बारे में कोच मरेन ने कहा, “हम व्यक्तिगत तौर पर गलतियां करते हैं और इस कारण हम प्रतिद्वंद्वी टीमों को आसानी से गोल करने का मौका दे देते हैं। इस चीज में बदलाव की जरूरत है और हमारी मैच पर नियंत्रण की क्षमता को भी बढ़ाने की जरूरत है।”

टीम के नए कोच मरेन के मार्गदर्शन के बारे में रानी ने कहा, “हमारे नए कोच बहुत अच्छे हैं। हालांकि, उन्हें हमारे साथ अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है। उन्होंने इतने कम समय में टीम के खेल में कई सुधार किए हैं और अभी वह कई चीजों पर भी काम कर रहे हैं। कोच हमें अच्छी चीजें सिखा रहे हैं और काफी लंबे समय बाद हमें ऐसा कोच मिला है। इसलिए, हमारी भी कोशिश है कि हम उनके द्वारा सिखाई जा रही चीजों को जल्द से जल्द अपनाएं, ताकि हमारे प्रदर्शन के बारे में अच्छे बदलाव आ सकें।”

पिछले कोच नील हॉगुड और मरेन की तुलना पर रानी ने कहा, “नए कोच हमें अटैकिंग हॉकी के बारे में सिखाते हैं। वह हमें यह भी कहते हैं कि हमें मैन टु मैन माकिर्ंग पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा वह हर खिलाड़ी के निजी प्रदर्शन पर भी ध्यान देते हैं और हर खिलाड़ी को बताते हैं कि उसे कहां सुधार करना चाहिए। दोनों कोचों के सिखाने में बहुत अंतर है।”

वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफाइनल के बारे में रानी ने कहा, “हम आगे तक की नहीं सोच रहे हैं। हमारा लक्ष्य मैच दर मैच आगे बढ़ने का है और इसलिए, हम एक समय पर एक मैच को लक्ष्य बनाकर चलेंगे। हम यह नहीं सोच रहे हैं कि हमें इस टीम को हराना है या उस टीम को हराना है। हालांकि, हमे अपने पहले मैच में यह जरूर देखेंगे कि हम प्रतिस्पर्धी टीम को किस प्रकार हरा सकते हैं।”

वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफाइनल के लिए टीम के बदलाव के बारे में पूछा जाने पर कोच मरेन ने कहा, “हम 33 खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं और इन्हीं में से हम जोहांसबर्ग में होने वाले टूर्नामेंट के लिए टीम का चयन करेंगे।”

जोहांसबर्ग में आठ जुलाई से शुरू हो रहे वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम की पहली भिड़ंत आठ जुलाई को रूस से होगी। इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम को पूल-बी में चिली, अमेरिका, रूस और अर्जेटीना के साथ शामिल किया गया है।

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