
लखनऊ। मोदी सरकार के VIP ट्रीटमेंट खत्म करने के फैसले का योगी सरकार ने बड़े ही जोरों-शोरों से स्वागत किया था। सरकार ने आनन-फानन में अपने सभी मंत्रियों-अधिकारियों की लाल-नीली बत्ती भी उतरवा ली थी। लेकिन योगी सरकार द्वारा हाल ही में एक ऐसा फैसला लिया कि सरकार की किरकिरी होने लगी। इस फैसले के बाद साफ तौर पर सरकार का दोहरा चेहरा भी सामने आया।
यूपी सरकार ने हाल ही में VIP treatment decision को मंजूरी दी गयी थी।जिसके बाद VIP ट्रीटमेंट खत्म करने के मामले में योगी सरकार का दोहरा रवैया सामने आया था। हालाँकि सरकार ने टोल पर अलग लेन देने के फैसले को बदल दिया है।
योगी सरकार नहीं देगी अलग से लेन
यूपी की योगी सरकार ने टोल पर विधान परिषद सदस्यों को अलग से लेन देने का आदेश जारी किया था। बहरहाल इस फैसले को सरकार द्वारा वापस लिया जायेगा। विधान परिषद सदस्यों को टोल पर VIP ट्रीटमेंट दिए जाने के फैसले के बाद योगी सरकार की काफी आलोचना हुई थी। मामले में हुई फजीहत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यह फैसला वापस लेने का मन बना लिया है।
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने VIP ट्रीटमेंट खत्म करने को लेकर केंद्र के फैसले का स्वागत किया था। लेकिन कुछ ही समय में योगी सरकार का दोहरा चेहरा इस मामले में सामने आ चुका है। जिसके मुताबिक, हाईवे में पड़ने वाले टोल प्लाजा पर विधान परिषद सदस्यों को भी ‘खास’ ट्रीटमेंट दिया जाये।
इसके लिए बाकायदा सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गयी है। जिसमें कहा गया है कि, सांसदों, विधायक और मंत्रियों की तर्ज पर विधान परिषद सदस्यों को भी टोल पर VIP ट्रीटमेंट दिया जाये।
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गौरतलब है कि, सरकार ने यह फैसला विधान परिषद सदस्यों की मांगों के बाद लिया था। मानसून सत्र में विधानपरिषद के कई सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया था कि, टोल पर उन्हें कोई पहचानता नहीं है। जबकि केंद्र की ओर से जारी नोटिफिकेशन में विधान परिषद सदस्य भी VIP लिस्ट में शामिल हैं।