परफॉर्मेंस ख़राब होने पर योगी अधिकारियों को दिखाएंगे बाहर का रास्ता
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार अब सरकारी कर्मचारियों और अफसरों की खराब परफॉरमेंस होने पर उनके 50 साल पार करते ही उन्हें छुट्टी देने की तैयारी में है. सरकारी महकमे में तैनात कोई भी अधिकारी या कर्मचारी ठीक ढंग से काम नहीं करेगा तो सरकार उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट देने जा रही है.
मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इस बाबत सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को कड़े निर्देश जारी किए हैं. ऐसे लोकसेवकों और कार्मिकों की स्क्रीनिंग कर हर हाल में 31 जुलाई तक सूची तैयार करने के लिए भी कहा गया है.
कर्मचारियों की 50 वर्ष की आयु के निर्धारण के लिए कट ऑफ डेट 31 मार्च 2017 रखी गई है. यानी इस तारीख तक 50 साल या इससे अधिक उम्र वाले स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे.
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मुख्य सचिव ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए 25 जनवरी 2007 को संशोधित शासनादेश जारी किया गया था, लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा है.
रिटायरमेंट के लिए तीन महीने होगी नोटिस की अवधि
नियुक्ति प्राधिकारी किसी भी स्थायी या अस्थायी सरकारी सेवकों को 50 वर्ष की आयु पूरी कर लेने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति का नोटिस दे सकता है. इसके लिए उसे करण बताना भी जरूरी नहीं है. इस नोटिस की अवधि तीन महीने होगी.
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आखिर सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला
आपको बात दें कि, योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया था. इसके बाद विभागों की हुई समीक्षा में कई अफसरों के कामकाज संतोषजनक नहीं थे. माना जा रहा है कि 50 की उम्र पूरी कर चुके अफसरों व कर्मचारियों के कामकाज के प्रति खराब रवैये में सुधार की गुंजाइश नहीं बचती. इसलिए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर नए लोगों को मौका दिया जाए.
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