
लखनऊ। मोदी लहर को रोकने के लिए यूपी की राजनीति में गठबंधन का खेल शुरू हो चुका है. इस गठबंधन की पहल खुद बीएसपी की और से किया गया है. दरअसल, रविवार को बीएसपी की ओर से जारी एक पोस्टर में पार्टी सुप्रीमो मायावती के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर भी लगाई गई है. इसे प्रदेश में महागठबंधन की कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है.
यूपी की राजनीति…
पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, जेडीयू के नाराज नेता शरद यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की तस्वीर भी है.
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आपको बता दें कि ये पोस्टर बीएसपी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है. इसे बिहार की राजधानी पटना में आरजेडी की ओर से 27 अगस्त को बुलाई गई गैर एनडीए दलों की रैली से एक सप्ताह पहले जारी किया गया है. रैली में अखिलेश यादव शामिल होने वाले हैं.
खबर है कि बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने बीएसपी के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल को आधिकारिक मानने से इनकार किया है. वहीं संयुक्त विपक्ष की पटना रैली में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के जाने को लेकर कोई पुष्ट सूचना नहीं है. हालांकि उनकी पार्टी के नेताओं के रैली में भाग लेने की बात कही जा रही है.
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राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुकीं मायावती के राजनीतिक कदमों को लेकर एक सितंबर को गुजरात के वलसाड में होने वाली कांग्रेस की रैली पर नजर है. कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि मायावती ने प्रस्तावित रैली में भाग लेने की सहमति दी है. गुजरात में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होनेवाला है. वलसाड दलित बहुल इलाका है.
वहीँ हैरानी की बात ये है कि महागठबंधन की खबर फैलते ही बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आधिकारिक बयान जारी कर इसे फर्जी पोस्टर करार दे दिया है. मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि बीएसपी का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है.
मिश्रा ने बयान जारी कर कहा, ‘बीएसपी का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है। बीएसपी के ट्विटर हैंडल के नाम से पोस्टर जारी करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।’