यूपी में ओवैसी के मास्टरप्लान से बीजेपी को मिलेगा फायदा !

यूपी में ओवैसीलखनऊ। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जी जान लगाकर जुट गई हैं। इस बार के चुनाव में पहली बार कदम रख रहे एआईएमआईएम के अध्‍यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपना प्‍लान तैयार कर लिया है। यूपी में ओवैसी के इस प्‍लान से सपा और बसपा में खलबली मच गई है। हालांकि बीजेपी पर इस का खास असर देखने को नहीं मिल रहा।

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यूपी में ओवैसी का प्‍लान

दरअसल यूपी में ओवैसी का सिर्फ मुस्लिम वोटरों पर निशाना है और वह इसी पर ध्‍यान रखते हुए अपना प्‍लान बना चुके हैं। एक वेबसाइट ने दावा किया है कि ओवैसी यूपी में पीस पार्टी से दोस्‍ती भी करना चाह रहे हैं। आपको बता दें कि उत्‍तर प्रदेश में करीब 18 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं राज्‍य में कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र भी हैं जहां अकेले मुस्लिम मतदाता ही अपना प्रतिनिधि चुनने में अहम रोल अदा करते हैं।

उत्‍तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाता किसी भी पार्टी को सत्‍ता दिलाने और सत्‍ता गिरवाने में खास रोल अदा करते हैं। इसी के चलते असदुद्दीन ओवैसी पीस पार्टी के साथ समझौता करने में लगे हैं। बताया जा रहा है कि ओवैसी और पीस पार्टी के प्रमुख मोहम्मद अयूब के बीच समझौता लगभग फाइनल हो चुका है, बस इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है।

अगर सब इसी प्‍लानिंग के तहत चलता रहता है तो उत्‍तर प्रदेश की 180 सीटों पर यह गठबंधन चुनाव लड़ेगा। वहीं मुस्लिम वोटरों के अलावा ओवैसी की नजर यहां अति-पिछड़ा वर्ग के वोटरों पर भी रहेगी। इसी को लेकर ओवैसी अपने जय भीम और जय मीम के नारे को पूरे प्रदेश में पहुंचाने में लगे हैं।

ओवैसी के इस प्‍लान से प्रदेश में समाजवादी पार्टी की नींद उड़ गई हैं। दरअसल अब तक सबसे ज्‍यादा मुस्लिम वोटरों का फायदा सपा को ही होता था। लेकिन अब उनके प्रतियोगी के रूप में एक दल और आ गया है। वहीं बीएसपी की नजर भी मुस्लिम वोटरों पर हमेशा से ही रही है। ओवैसी के प्‍लान से बसपा में भी बेचैनी के बादल देखने को मिल रहे हैं।

यूपी में ओवैसी के इस प्‍लान को सबसे ज्‍यादा फायदा अगर किसी को हो सकता है तो वह है भारतीय जनता पार्टी। जानकारों के मुताबिक अगर यूपी में मुस्लिम वोटरों का बंटवारा हुआ तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। वहीं बीजेपी का ये भी मानना है कि प्रदेश में उनके विकास के एजेंडे के सामने ओवैसी की कोई भी रणनीति नहीं चलेगी।

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