यूपी के मुरादाबाद में बढ़ा प्रदूषण का कहर, आम जनमानस का जीना हुआ मुहाल

रिपोर्ट-संजय मणि त्रिपाठी/मुरादाबाद

यूपी का मुरादाबाद देश विदेशों में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब इस शहर को सबसे प्रदूषित शहर कहा जाने लगा है। इसके पीछे की वजह है शहर में  इलेक्ट्रॉनिक कचरे और पीतल भट्टियों को अवैध तरीके से जलाया जाना। जिस कारण मुरादाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं दीवाली के बाद मुरादाबाद में प्रदूषण का स्तर जबरदस्त तरिके से बढ़ गया है।

मंगलवार को मुरादाबाद का aqi  424 दर्ज किया गया जो की दिल्ली से भी ज्यादा था। जिसके कारण शहर की हवा जहरीली होती जा रही है। जिसका असर अब यहाँ के रहने वाले लोगो पर भी पड़ना शुरू हो गया है। अस्पतालों में रोजाना सांस के मरीजों की तादात दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, डॉक्टरों द्वारा अब मास्क लगाने की सहला दी जा रही है।

प्रदूषण का कहर

पीतलनगरी के नाम से पूरी दुनिया महशूर मुरादाबाद पिछले कुछ सालों से प्रदूषण की मार झेल रहा है।पीतल भट्टियों और अवैध तरीके से इलेक्ट्रॉनिक कचरा जलाएं जाने के चलते शहर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका खुलासा खुद केंद्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा स्थापित वायु गुणवता अनुश्रवण केंद्र पर आंकड़े रिकार्ड कर रही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रोजेक्ट इंचार्ज प्रोफेसर अनामिका त्रिपाठी कर रही है।अनामिका त्रिपाठी के मुताबिक मुरादाबाद से बह पीएम 10 पीएम 2.5 सल्फर डाई ,नाइट्रोजन ऑक्साइड की मॉनिटरिंग कर रहे है। लेकिन जब एयर क़्वालिटी इंडेक्स निकाल रहे है।

तब देश के फस्ट फाइव में मुरादाबाद में आ रहा है। तो कभी कभी तो यह टॉप फस्ट पर भी पहुँच जाता है। अनामिका यह भी कहती है बढ़ता प्रदूषण पर्यावरण और लोगो के स्वास्थ्य के लिये बेहद चिंताजनक है । इससे बचने के लिये लोगो को अनिवार्य रूप से अच्छी क्वालिटी का मास्क लगाकर ही घरो से निकलना चाहिए। अगर  बिना मास्क लगाये लोग घरों से बाहर निकलते है तो उन्हें सास की बीमार होना तय है ।

वही अब प्रदूषण के खतरे से बचने के लिये मुरादाबाद के लोग भी बहुत गंभीर हो गये है । वह जब भी घर से निकल रहे है तो मास्क का प्रयोग कर रहे है। लोगो का कहना है कि बीमार होने से अच्छा मास्क पहनना बेहतर है। लेकिन प्रशासन को इस खतरे के प्रति गंभीर होते हुये कुछ सख्त कदम उठाने चाहिये और पर्यावरण को प्रदूषित करने वालो पर कार्यवाही करनी चाहिये ।

एनजीटी के आदेश के बाद शहर में प्रदूषण के लिए जिम्मदारों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कचरे को लेकर अभियान चलाया जा रहे है।लेकिन जनपद के देहात क्षेत्रो में अब भी यह कचरा जलाया जा रहा हैं। मुरादाबाद जनपद में बढ़ते वायु प्रदूषण की पुष्टि जिला अस्पताल के आकड़ो के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी में हर दिन दाई से तीन हजार मरीज इलाज के लिए पहुँचते हैं।

जिसमे से ज्यादातर मरीज सांस और  फेफड़ों के संक्रमण से परेशान रहते है।जिला अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक उनके अपने कैरियर में आज तक सबसे ज्यादा प्रदूषण के शिकार मरीज मुरादाबाद में ही इलाज के पहुँच रहे है और हर दिन यह तादात बढती जा रही है।डॉक्टरों के मुताबिक वर्तमान में वायु प्रदूषण से बचने के लिए मॉस्क का इस्तेमाल आवश्यक हो गया है। वही दीवाली के बाद जले पटाखों के बाद हालात और ज्यादा खराब हो गए है।

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पीतल भट्टियों और अवैध तरीके से इलेक्ट्रॉनिक कचरा जलाएं जाने के चलते शहर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है।प्रदूषण विभाग के अधिकारी भी इस बात को मान रहे है कि मुरादाबाद के देहात क्षेत्रो में ई कचरा जलाया जा रहा है। प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी अजय शर्मा के मुताबिक मौसम के अनुसार वायु प्रदूषण घटता बढ़ता रहता है।

लेकिन ई कचरा और अवैध तरीके से चलाई जा रही 40 पीतल भर्तियों पर कार्यवाही की जा चुकी है, और भी वायु प्रदूषित करने वाले पर कार्यवाही की तैयारी चल रही है।एक एक्सन प्लान भी केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को भेजा था उसको भी मुरादाबाद में प्रदूषण की रोकथाम के लिए अप्रीमेन्ट किया है। देहात क्षेत्र में ई कचरा जलाने की शिकायत मिली थीं जिस पर कार्यवाही हुई है। उधर अधिकारी भी मान रहे है की दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ रहा है।

बहराल बढ़ते वायु और जल प्रदूषण से मुरादाबाद लोगो के रहने लायक नही बचा है । तो बही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन अभी भी मुरादाबाद की आबोहवा को खराव करने बालो पर शख्त कदम उठाने से बचता नज़र आ रहा है । जिसका नतीजा अब ये हैं कि इस शहर के हर शक्श की उम्र 5 साल तक कम हो चुकी है । खैर अब देखना यह होगा कि मुरादाबाद की हवा में सुधार आता है या फिर नही।

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