यूपी के दो दर्जन सांसदों लगेगा झटका! इनका कट सकता है नाम

लखनऊ। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक दल अपने सियासी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। खबरें है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व भुवन चंद्र खण्डूरी इस बार चुनावी समर में ताल नहीं ठोंक सकेंगे।

इसके साथ ही साथ 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में भाजपा अपने करीब दो दर्जन सांसदों के टिकट काटने जा रही है। पार्टी के एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि मोदी लहर में जीतकर सांसद बने दो दर्जन से ज्यादा नेताओं से जनता खुश नहीं है। ऐसे में खबरें आ रही हैं कि पार्टी आलाकमान इन नेताओं का पत्ता साफ कर सकती है।

जानकारी के अनुसार, फिलहाल आडवाणी व जोशी के भविष्य पर हालांकि अंतिम फैसला नहीं हो पाया है, मगर शीर्ष स्तर पर इनकी भावी भूमिका पर गहन मंथन हो रहा है। इनमें जोशी को नेतृत्व की ओर से चुनाव बाद राज्यपाल की जिम्मेदारी देने का संकेत दिया जा चुका है, लेकिन आडवाणी को अब तक इस आशय की जानकारी नहीं दी गई है।

बीते चुनाव में सहयोगियों के साथ यूपी की 80 में से 73 सीटें जीतने वाली पार्टी सबसे ज्यादा इसी राज्य पर मंथन कर रही है। अब तक दो दर्जन सांसदों के टिकट काटने और पीएम मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत 28 सीटों पर ही पुराने प्रत्याशी को उतारने का फैसला हुआ है। शेष सीटों पर मंथन जारी है।

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इनका हो सकता है पत्ता साफ

जिनके टिकट काटे जाने की चर्चा है उनमें साक्षी महाराज, अंजू बाला, शरद त्रिपाठी, भरत सिंह, राम चरित्र निषाद, छोटेलाल, कृष्णा प्रताप, देवेंद्र सिंह, अंशुल वर्मा, रविंद्र कुशवाहा, अशोक दोहरे, बाबू लाल, रेखा वर्मा, लल्लू सिंह, हरीश द्विवेदी शामिल हैं। वहीं, उनमें मनोज सिन्हा, रामशंकर कठेरिया, वीके सिंह, महेंद्र पांडेय, हेमा मालिनी, वीरेंद्र सिंह मस्त, बृजभूषण शरण सिंह, कंवर सिंह तंवर, रामशंकर कठेरिया, राजवीर सिंह को दोबारा टिकट दिया जा सकता है।

 

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