समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस: आरोपियों के बरी ​होने पर पाकिस्तान ने जताया एतराज

नई दिल्ली: समझौता ब्लास्ट केस में पंचकूला की एनआईए कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए स्वामी असीमानंद समेत लोकेश शर्मा, कमल चौहान और रजिंदर चौधरी मुख्य सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया है।

पाकिस्‍तान सरकार ने ऐतराज जताया

मामले में चारों आरोपियों के रिहा होने पर पाकिस्‍तान सरकार ने ऐतराज जताया है। पाकिस्‍तान ने इस्‍लामाबाद में भारतीय उच्‍चायुक्‍त अजय बिसारिया को विरोध दर्ज कराने के लिए बुलाया है। पाकिस्‍तान के कार्यकारी विदेश सचिव ने कहा, ‘पाकिस्‍तान ने लगातार कहा है कि इस मामले में देरी हुई और भारत ने दोषियों को रिहा करने के प्रयास किए. इस हमले में 44 निर्दोष पाकिस्‍तानी मारे गए।

पाकिस्‍तान ने अपने बयान में कहा, ‘इस मसले को लगातार उठाया गया। 2016 में हर्ट ऑफ एशिया मीटिंग में भी इस बारे में कहा गया। फैसले में देरी और दूसरे मामलों में आरोपियों की रिहाई पर आधिकारिक नोटिस भी जारी किए गए। आज के फैसले ने न्‍याय का मजाक उड़ाया है और भारतीय अदालतों की काबिलियत और आतंकवाद पर पाकिस्‍तान पर आरोप लगाने के भारत के दोगलेपन की पोल खोल दी है।

पाकिस्‍तान सरकार ने आगे आरोप लगाया है कि भारत ने मारे गए 44 पाकिस्‍तानी लोगों के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाई है। यह फैसला भारत सरकार के हिंदू आतंकियों को बचाने और उनको बढ़ावा देने की नीति की ओर इशारा करता है।

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बता दें कि इस मामले पर 14 मार्च को फैसला आना था लेकिन पाकिस्तानी महिला वकील ने ईमेल के जरिए याचिका दायर की थी कि उनके पास इस मामले के पर्याप्त सबूत हैं। उनके दावे के बाद मामले की सुनवाई को 20 मार्च तक के लिए टाल दिया गया था। कोर्ट ने बुधवार को महिला की याचिका को सीआरसीपीसी की धारा 311 के तहत खारिज कर दिया।

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