यूपी:नोएडा की सड़कों पर उतरा वज्र वाहन,कोरोना को मात देने के लिए…

नोएडा।कोरोना से लड़ाई लगातार जारी है। फिलहाल देश में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन इन सबके बीच नोएडा में पिछले एक हफ्ते में हालात थोड़े से बेहतर हुए हैं. इसकी वजह है कि स्थानीय प्रशासन लगातार कोरोना की रोकथाम के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठा रहा है. इसी तरह के एक और कदम की शुरुआत आज हुई जब नोएडा अथॉरिटी ने कोरोना से लड़ने के लिए सड़कों पर वज्र वाहन उतारा।

कोरोना से लड़ने वाले वज्र वाहन में क्या है खास-वैसे तो जब भी वज्र वाहन का नाम सामने आता है जहन में उस वज्र वाहन की तस्वीर आती है जो दंगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की ओर से इस्तेमाल किया जाता है. वज्र वाहन की मदद से ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े जाते हैं लेकिन नोएडा प्राधिकरण ने कोरोना से लड़ाई के लिए वज्र वाहन का ही सहारा लिया है।

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यह वज्र वाहन आंसू गैस के गोले नहीं छोड़ता बल्कि चारों तरफ पानी का छिड़काव करता है. फिलहाल नोएडा प्राधिकरण जिस वज्र वाहन का इस्तेमाल कर रहा है उसमें कई लीटर पानी भरा गया है और उसमें एक परसेंट हाइड्रोक्लोराइड मिलाया गया है और इस तरह से तैयार किया गया है इलाकों को सैनिटाइज करने वाला सैनिटाइजर. जिसका मकसद है की इसके जरिए ना सिर्फ संक्रमित इलाकों को बल्कि पूरे शहर को सैनीटाइज किया जा सके।

इस वज्र वाहन के जरिए कम पानी से ही ज्यादा इलाके को सैनिटाइज किया जा सकता है-इस वज्र वाहन के सहारे खासतौर पर ऐसे इलाकों में पहुंचने की भी कोशिश है जो हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किए गए हैं. जिसके अंदर लोगों के जाने और आने पर मनाही है. लेकिन इस वाहन को उन इलाकों में भेजकर पूरे इलाके को एक बार में ही सही सैनिटाइज किया जा सकता है।

 

क्योंकि इसमें जो पानी भरा है वह पानी के बौछार के तौर पर छिड़काव करता हुआ पूरे इलाके को सैनिटाइज कर सकता है. इसकी खासियत यह है कि इसमें ज्यादा पानी भी बर्बाद नहीं होता क्योंकि छिड़काव पानी की तेज धार से नहीं बल्कि हल्की बौछार के तौर पर किया जाता है.

 

शुरुआत में नोएडा बना था यूपी में कोरोना का एपिसेंटर

 

नोएडा को शुरुआती तौर पर उत्तर प्रदेश में कोरोना के एपीसेंटर के तौर पर देखा गया था. चार अप्रैल तक नोएडा में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 58 तक पहुंच गयी थी. हालांकि इसमें अधिकतर मामले सीजफायर नाम की निजी कंपनी के कर्मचारियों से जुड़े हुए थे और बाद में जो मामले सामने आए वह उन कर्मचारियों के संपर्क में आने वाले लोगों के थे.

 

उसके बाद नोएडा प्रशासन और प्राधिकरण ने तेजी से मामलों की रोकथाम के लिए कदम उठाने शुरू किए. उसी का नतीजा है कि पिछले एक हफ्ते के दौरान कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सिर्फ छह मामले ही सामने आए हैं. हालांकि सैकड़ों लोगों की अभी भी निगरानी की जा रही है लेकिन प्रशासन लगातार कोशिशें कर रहा है कि अगर मामलों में ज्यादा कमी नहीं आ पा रही तो कम से कम अप्रत्याशित बढ़ोतरी भी ना हो. जिससे कि कोरोना से लड़ाई में सफलता मिल सके.

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