मालविका का यश भारती ड्राफ्ट अंतिम समय में हुआ निरस्त

मालविकालखनऊ। उत्तर प्रदेश के संस्कृति निदेशक और सचिव डॉ. हरिओम ने यश भारती पुरस्कार के लिए अपनी पत्नी मालविका के नाम की सिफारिश की थी और उनके नाम से ड्राफ्ट भी बन गया था, पर शासन ने उसे स्वीकृति नहीं दी, जिसके कारण उनके नाम से बना ड्राफ्ट दविंदर सिंह के नाम से जारी किया गया। इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा संस्कृति निदेशालय से प्राप्त अभिलेखों के अनुसार, वर्ष 2016-17 में कुल 25 लोगों को यश भारती पुरस्कार देने के लिए बजट आवंटित किया गया था। संस्कृति निदेशालय ने यश भारती के लिए आए 310 प्रार्थनापत्रों में 94 व्यक्तियों के नाम अग्रसारित किए।

शासन ने 24 अक्टूबर, 2016 के आदेश द्वारा 54 लोगों को ये पुरस्कार देने का निर्णय लिया, लेकिन अगले दिन 25 अक्टूबर को इसमें 11 नए नाम अचानक ऊपर से जोड़ दिए गए। 27 अक्टूबर, 2016 को 65 की जगह 73 लोगों को ये पुरस्कार दिए गए, जिसमें कई नाम आखिरी मौके पर जोड़े गए।

27 अक्टूबर को ही नौ नए नाम शासन द्वारा चयनित किए गए और 29 नवंबर को इसमें आईएएस सुभाष एल.वाई. सहित दो नए नाम जोड़े गए और इन 11 लोगों को एक दिसंबर को यश भारती पुरस्कार दिया गया।

उस समय बजट की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि दो लोगों को पुरस्कार देने के लिए 11-11 लाख रुपये भारतेंदु नाट्य अकादमी और संगीत नाटक अकादमी से कर्ज लेने पड़े थे।

इस मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में उठाने वाली नूतन के अनुसार, ये जानकारियां चौंकाने वाली हैं और वह इन्हें न्यायालय के सामने रखेंगी।

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