मोबाइल क्लीनिक कर रहा कैंसर का इलाज, गरीबों के लिए वरदान

धनबाद। यह मोबाइल क्लीनिक देश के कोने-कोने में चक्कर लगा रहा है। मकसद है कैंसर के मरीज की खोज और इलाज के लिए आवश्यक परामर्श देना। चलता-फिरता यह जांच केंद्र गरीबों के लिए किसी देवालय से कम नहीं। 22 राज्यों में घूम चुके इस बसनुमा क्लीनिक के जरिये एक लाख लोगों की जांच कर 6 हजार कैंसर रोगियों को खोजा जा चुका है।

झारखंड के झरिया में भी यह बस आई। तीन दिन रही। 500 से अधिक लोगों की जांच की गई। देश भर में यह अकेला अनोखा प्रयोग है। दरअसल, देश में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अधिकतर लोगों को कैंसर होने की जानकारी तब मिलती है जब बीमारी लाइलाज हो जाती है। इस नाते मारवाड़ी युवा मंच ने कैंसर जांच सेवा शुरू की है।

कैंसर की शुरुआत होने के लक्षण मिल जाए तो फिर आसानी से मरीज निरोग हो सकता है। मोबाइल क्लीनिक के प्रभारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि टेक्नीशियन अमरेश चौधरी, पैरा मेडिकल स्टाफ शबनम परवीन, अतिया सुल्ताना, नीतेश और चालक डीपी पांडेय मनोयोग से जांच करते हैं। कैंसर अपने प्रारंभिक चरण में पकड़ में आ जाए तो इलाज आसान हो जाता है। जरूरत होने पर हम लोग मुंबई में भी नमूने भेज जांच रिपोर्ट मंगाते हैं।

झरिया मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ.ओपी अग्रवाल ने बताया कि समय पर पहचान हो जाने पर इलाज में अधिक रुपये भी नहीं लगते। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच को ढाई करोड़ की लागत से बनी यह बस 2015 में एसआर रूंगटा ग्रुप ने मानव सेवा के लिए दी है। बस में रेडिएशन से बचाव का पुख्ता इंतजाम है।

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आनंद ने बताया कि कैंसर की जांच के दौरान रेडियो एक्टिव किरणों के कारण रेडिएशन का खतरा रहता है। इसलिए जांच करने वाले विशेष प्रकार की लेड एप्रन का प्रयोग करते हैं। इससे रेडिएशन से बचाव होता है। विशेष रसायनों का प्रयोग कर बस की आबोहवा में मौजूद सूक्ष्म जीवाणुओं को खत्म किया जाता है। उसके बाद जांच शुरू की जाती है।

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