लोकसभा चुनाव से पहले मोदी से लग रही थी ऐसी उम्मीदें क्या सरकार ने की पूरी!
मोदी सरकार का ने शुक्रवार को अंतिम अंतरिम बजट पेश किया. ऐसे में हम जानते हैं कि बजट को लेकर बिजनेस और राजनीति से जुड़े लोग क्या सोचते हैं? ये देखने वाली बात है कि इनमें से कितनी उम्मीदें पूरी हुईं और कितने सिर्फ कयास ही रह गए.
बता दें कि लोक सभा चुनाव से पहले गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देकर मोदी सरकार ने छक्का लगाया था. संसद में आरक्षण पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार केवल चुनाव के मद्देनजर बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही हैं. इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अगर विपक्ष को लगता है कि 2019 का चुनाव जीतने के लिए मोदी सरकार बड़े ऐलान कर रही है तो ये बिल्कुल सही है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अभी तो केवल एक छक्का लगा है. आगे कई और छक्के लगने वाले हैं. चुनाव जीतने के लिए एक पार्टी को दायरे में रहकर जो करना चाहिए वो हम करेंगे. जनता को खुश करके अगर हमें जीत मिलती है तो हम जनता को खुश करने के लिए जरूर कदम उठाएंगे. अब अगर ये कदम चुनाव से पहले उठाए जा रहे हैं तो इसमें हमारी कोई गलती नहीं है. इससे ऐसा प्रतीत हुआ था कि सवर्णों को आरक्षण तो मोदी सरकार का पहला छक्का है और अंतरिम बजट में सरकार कई और छक्के लगा सकती है.
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सही साबित हुअा आयकर छूट का कयास
मोदी सरकार के अंतरिम बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की बात के कयास लग रहे थे. फिलहाल इनकम टैक्स में आयकर छूट का दायरा ढाई लाख रुपये तक है. मोदी सरकार इसे बढ़ाकर 3 लाख से 5 लाख रुपये तक कर सकती है, ऐसी संभावना जताई जा रही थी. आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सरकार मिडिल क्लास में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है. बजट में कयास सही साबित हुआ. आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख कर दी गई.
किसानों के खाते में सीधे कैश, कयास सही
कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का दांव चलकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता अपने नाम कर ली. लेकिन मोदी सरकार सीधे कर्ज माफी से बचना चाहती है, इसलिए दूसरे रास्ते से किसानों को मदद के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है.
बिजनेस टुडे के सूत्रों के मुताबिक सरकार किसानों को खेती के लिए हर सीजन में 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद कर सकती है, ऐसा कयास लगाया गया था. यह रकम सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. इसका ऐलान अंतरिम बजट में करने के कयास लगाए गए हैं. साथ ही किसानों को एक लाख रुपये तक ब्याज मुक्त लोन देने के प्रस्ताव का भी कयास लगाया था. मोदी सरकार ने किसानों के खाते में हर साल सीधे 6 हजार रुपए भेजने का ऐलान कर दिया है.
पेंशन का कयास, कयास ही रह गया
एक कयास यह लगाया था कि मोदी सरकार अंतरिम बजट के जरिये बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी लाकर 2019 की राह को आसान करना चाहती है. सरकार पेंशन में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है. फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को 200 रुपये महीने पेंशन दिया जाता है, जिसे अंतरिम बजट में बढ़ाया जा सकता है. वैसे 3000 रुपये महीने इसे बढ़ाकर करने की मांग की जा रही है, क्योंकि पिछले 11 सालों पेंशन की राशि में बढ़ोतरी नहीं हुई है. ये सिर्फ कयास ही रह गया. ऐसी कोई बात बजट में नहीं की गई.
होम लोन में रियायत, आंशिक सही
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार होम लोन के ब्याज दर में रियायत देकर मिडिल क्लास में अपना वोट पक्का करना चाहती है. बिजनेस टुडे के मुताबिक होम लोन के ब्याज दर में छूट के साथ सरकार जीएसटी में कटौती का भी ऐलान करने की बात भी सामने आई थी. बता दें, फिलहाल अंडर कंस्ट्रक्शन मकानों पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है, जिसे 5 फीसद के स्लैब में लाया जा सकता है. घर खरीदारों के लिए जीएसटी दरों को कम करने के लिए जीएसटी परिषद को सिफारिशें की गई हैं.
कारोबारियों को ब्याज में छूट, पूरी तरह सही निकला कयास
हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी में छूट की सीमा को बढ़ाकर सालाना 20 लाख से 40 लाख रुपये कर दिया है. यानी 40 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारी अब जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे. लेकिन सरकार अंतरिम बजट में छोटे कारोबारियों की और राहत देने पर विचार कर रही है, ऐसा माना जा रहा था. छोटे कारोबारियों को सस्ते दर पर लोन देने की तैयारी की बात की गई थी . कारोबारियों को ब्याज में 2 फीसदी तक की छूट मिल सकती है. इसका फायदा जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड छोटे कारोबारियों को ही मिलेगा. इसके अलावा छोटे कारोबारियों को मुफ्त में दुर्घटना बीमा की सुविधा भी सरकार दे सकती है. दुर्घटना बीमा 5 से 10 लाख रुपये तक हो सकता है. बजट में ये कयास सही साबित हुआ. जीएसटी पंजीकृत छोटे कारोबारियों को 2 फीसदी ब्याज राहत दे दी गई है.