मोदी सरकार के फैसले से पाक–चीन की टूटी कमर, होगा करोड़ों का नुकसान

पाकिस्तान की आये दिन शर्मनाक हरकतों से तंग आकर आखिर में हिंदुस्तान ने एक और कड़ा फैसला ले लिया है| पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने कई ऐसे निर्णय लिए जिससे पाकिस्तान को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है |

पाकिस्ताकन के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी हाल ही में यह स्वीाकार किया है कि भारत की ‘लॉबिंग’ की वजह से उसे सालाना लगभग 10 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है| ये फैसला सिर्फ पाकिस्तान को भारी नहीं पड़ने वाला है इससे चीन को भी भारी नुकसान होगा |

दरअसल भारत ने शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत 1,150 करोड़ रुपये के ”शत्रु शेयर” बेचे हैं| ये वो शेयर हैं जिनका निजी अधिकार ऐसे लोगों के पास था, जो बंटवारे के बाद भारत से चले गए थे| इनमें पाकिस्ताान के अलावा चीन के भी कई शेयर हैं|

आसान शब्दों में कहें तो जिनके शेयर भारतीय बाज़ार में बेकार पड़े हैं और अब वो लोग पाकिस्तान या चीन चले गए हैं तो भारत सरकार इनको बेच सकती है | इसके लिए भारत सरकार ने पिछले साल नवंबर में कमेटी का गठन किया था|

इन शेयर्स में कई कंपनियों के शत्रु शेयरों की बिक्री की गयी हैं जिनमें विप्रो के करीब 1,150 करोड़ रुपये के शत्रु शेयरों की बिक्री की है| इनमें भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अलावा दो अन्य सरकारी बीमा कंपनियों- जनरल इंश्योरेंस और दी न्यू इंडिया एश्योरेंस को बेचे गए हैं| इनकी बिक्री केंद्र सरकार की संस्था द कस्टडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया की निगरानी में हुई |

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भारत सरकार ने ये निर्णय ऐसे वक़्त पर लिया जब पाकिस्तान को हिंदुस्तान ने हर तरफ से घेर चुका है और अब इस घेराबंदी से पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा ब्लैाक लिस्टत में डाला जा सकता है.

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