मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, परमाणु की मदद से सबके घर पहुंचेगी 24 घंटे बिजली !
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने हाल ही में स्वदेशी परमाणु रिएक्टरों के साथ मिलकर बिजली उत्पादन के मुद्दे पर फैसला लिया है। इस हफ्ते 10 न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने का फैसला कैबिनेट ने लिया है। इंडस्ट्री के एक्सपर्टस का मानना है कि बिजली उत्पादन की दिशा में भारत की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। हालांकि भारत को ऑस्ट्रेलिया से यूरेनियम की पहली सप्लाई मिलने का इंतजार है पर इसके हालात आज भी 2009 जैसे ही हैं जब भारत औऱ अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील पूरी हुई थी। न्कयूलियर लायबिलिटी लॉ में मुश्किलें झेलने के बाद भारत ने परमाणु उर्जा बिजली के क्षेत्र में बहुत समय बर्बाद किया है जिसकी वजह से घरेलू न्कयूलियर इंडस्ट्री पर इसका गहरा असर पड़ा है।
खबरों के मुताबिक इस ऊर्जा की मदद से सरकार घर-घर तक बिजली पहुंचाने का कार्य करना चाहती है। इसलिए मोदी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि इसका काम गंभीरता के साथ किया जाए।
परमाणु ऊर्जा वह ऊर्जा है जिसे नियंत्रित परमाणु अभिक्रिया से उत्पन्न किया जाता है। नाभिकीय रिएक्टर से प्राप्त उष्मा पानी को गर्म करके भाप बनाने के काम आती है, जिसे फिर बिजली उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 2009 में दुनिया की बिजली का 15% परमाणु ऊर्जा से मिला था।
न्कयूलियर लायबिलिटी लॉ में मुसिबत यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि किसी भी भारतीय कंपनी ने न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट में हाथ डालने से मना कर दिया। यही वजह है कि कैबिनेट न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट को फिर से सही दिशा में लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के पास कम माध्यम होने की वजह से वह इस प्रोजेक्ट में एक कमजोर कड़ी माना जा रहा है। न्यूक्लियर मैनेजर्स की कमी की वजह से NPCIL अभी बहुत पीछे है। इसके अलावा गोरखपुर में परमाणु रिएक्टर शुरू होने का सालों से इंतजार है।