मूलभूत सुविधाओं के अभाव में खाली होते गांव, कभी खुशहाली के लिए था मशहूर

टिहरी। पहाड़ों के बारे में एक कहावत मशहूर है कि पहाड़ का पानी और जवानी कभी वहां के काम नहीं आती, आलम ये है कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आज गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं, समुचित व्यवस्था का अभाव में आने वाली मुश्किलों ने हमेशा से यहां के लोगों को अपनी जड़ों को छोडऩे के लिए मजबूर किया है, नेता और अधिकारी राजधानी में बैठकर पलायन रोकने के खोखले दावे कर रहे हैं, देखिये एक रिपोर्ट।

टिहरी

नई टिहरी मुख्यालय से सटा खेमड़ा गांव कभी अपनी खूबसूरती, खुशहाली के लिए नई टिहरी क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखता था, लेकिन सड़क के अभाव में धीरे धीरे गांव से पलायन होता रहा, कभी यहाँ लगभग 50 परिवार रहा करते थे वही आज सिर्फ 10 परिवार ही रह गए हैं।

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गांव में मकान खंडहर में तब्दील हो चुके हैं और जो बचे कुचे घरो में ताला लटका हुआ है, जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर व मुख्य मार्ग से लगभग 4 से 5 किलोमीटर गांव होने के बावजूद भी खेमड़ा गांव की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

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