मुख्य द्वार से वास्तु दोष को कहें अलविदा, घर में खुशियां करेंगी वास

घर के मुख्य द्वारघर के मुख्य द्वार से नेगेटिव और पॉजिटिव एनर्जी प्रवेश करती है. यदि आपके घर में कोई हमेशा बीमार रहता है या कोई परेशानी चल रही है, तो इसका कारण घर के मुख्य द्वार में वास्तु दोष हो सकता है. लेकिन इन उपायों से वास्तु दोष दूर किया जा सकता है और घर में सुख-शांति का वास होगा.

इन उपायों का रखें ध्यान    

घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. किसी भी पूजा-अर्चना में घर के मुख्यद्वार पर या बाहर की दीवार स्वास्तिक का निशान बनाकर स्वस्ति वाचन करते हैं.

मुख्य द्वार पर श्रीगणेश का चित्र या स्वस्तिक बनाने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है.

स्वास्तिक पॉजिटिव ऊर्जा का भी प्रतीक है. इसे बनाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है.

प्रवेश द्वार शुभ लाभ का निशान बनाएं, इससे घर में रोग कम होते हैं.

प्रवेश द्वार लक्ष्मी जी के पैर बनाएं, जो अंदर की तरफ जा रहें हों. इससे घर में समृद्धि आती हैं.

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द्वार पर पानी से भरा कांच का बर्तन रखें, जिसमें ताजे फूल रखें. इससे घर में सकारात्मकता आएगी.

धन लाभ के लिए प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी जी की तस्वीर लगाएं, लेकिन इनके आस-पास जूते-चप्पल नहीं रखें.

यदि घर के सामने पेड़ या खंभा है, तो यह एक अशुभ संकेत है. इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए मुख्य द्वार पर रोज स्वास्तिक बनाएं.

पीपल, आम या अशोक के पत्तों की माला बनाकर प्रवेश द्वार पर बांधें. इससे नकारात्मकता दूर होती है, जब यह पत्तियां सुख जाएं तो इन्हें बदल दें.

मुख्य द्वार के आगे गड्ढा हो, तो परिवार के सदस्य मानसिक पीड़ा से गुजरते हैं. दुष्प्रभाव से बचने के लिए उस गड्ढे को भर दें.

मुख्य द्वार को साफ और सुंदर रखने से सुख और समृद्धि बनी रहती है.

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