मुंबई किडनी रैकेट : पांच आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत

मुंबई किडनी रैकेटमुंबई| देश की आर्थिक राजधानी की एक अदालत ने शनिवार को किडनी की खरीद-बिक्री के अवैध कारोबार(मुंबई किडनी रैकेट) में आरोपी एल.एच.हीरानंदानी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सहित पांच चिकित्सकों को 26 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मुंबई किडनी रैकेट

मुंबई किडनी रैकेट में पांचों आरोपियों -अस्पताल के सीईओ सुजीत चटर्जी, चिकित्सा निदेशक अनुराग नाईक, प्रकाश शेट्टी, मुकेश शाह तथा मुकेश शेट्टी- को अदालत के समक्ष पेश किया गया था। उनकी तीन दिनों की पुलिस हिरासत शनिवार को खत्म हो रही थी।

सरकारी वकील सुधीर सपकाल ने अदालत से कहा कि पुलिस जांच पूरी हो चुकी है एवं पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की और जरूरत नहीं है।

दंडाधिकारी ने पांचों आरोपियों को 26 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पांचों को मंगलवार (9 अगस्त) की देर रात पवई पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने कहा कि उसने गिरफ्तार किए गए आरोपी चिकित्सकों के कॉल रिकॉर्ड और बैंक खातों की जांच की है और यह बात पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वे कितने समय से एक दूसरे से तथा दूसरे आरोपी बृजकिशोर जायसवाल से संपर्क में रहे हैं। बृजकिशोर जायसवाल सूरत के कारोबारी हैं, जो पिछले महीने किडनी प्रत्यारोपन करवाने वाले थे।

एक आरोपी प्रकाश शेट्टी की जमानत की मांग करते हुए उनके वकील आबाद पोंडा ने कहा कि उन्हें तत्काल जमानत दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी पत्नी को शनिवार सुबह जुड़वां बच्चा पैदा हुआ है और उन्होंने इस बाबत एक प्रमाण पत्र पेश किया।

अदालत ने हालांकि जमानत याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया और वकील को इसे नियमित सुनवाई के दौरान पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही अदालत ने पुलिस से 16 अगस्त को अपना जवाब तैयार रखने के लिए कहा।

इससे पहले, शुक्रवार को डिंडोशी सत्र अदालत ने दो अन्य आरोपी चिकित्सकों सुवीन शेट्टी तथा वीना सालेकर की अंतरिम जमानत याचिका खारिच कर दी।

पुलिस पहले ही संकेत दे चुकी है कि अस्पताल से और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

खुलासे से दंग हीरानंदानी अस्पताल ने गुरुवार को बीते एक साल के दौरान तमाम किडनी प्रत्यारोपण की जांच करने के लिए एक बाहरी कंपनी अर्न्‍स्ट एंड यंग को नियुक्त किया।

इस किडनी रैकेट का खुलासा 14 जुलाई को तब हुआ, जब एक सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश गुप्ता, कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं तथा एक व्यापार संगठन के सदस्यों ने एक किडनी प्रत्यारोपण को बीच में ही रुकवा दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि किडनी प्राप्त करने वाले तथा देने वाले बृजकिशोर जायसवाल तथा उनकी ‘पत्नी’ शोभा ठाकुर फर्जी दंपति हैं।

उसके बाद से लेकर अब तक इस मामले में रैकेट के कुल 14 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

इस घटना के सामने आने के बाद, महाराष्ट्र स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने चिकित्सा विशेषज्ञों की एक समिति गठित की, जिसने किडनी प्रत्यारोपण के कम से कम चार मामलों में अनियमितता पाई है।

समिति की रपट के मुताबिक, पुलिस ने पांच चिकित्सकों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद से चिकित्सा बिरादरी में हड़कंप है।

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