मासिक समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने की राजस्व कार्यों की समीक्षा, जानिए क्या दिए गए निर्देश

लखनऊ: कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा सोमवार को राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक की गई। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा तमाम दिशा निर्देश दिए गए।

1) बैठक की शुरुआत ज़िलाधिकारी द्वारा IGRS व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की गई। ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया की IGRS पोर्टल के मानकों में बदलाव हुआ है। अब प्रकरण प्रतिदिन प्रकरण डिफाल्टर होने और हमे प्रतिदिन डिफाल्टर होने वाले प्रकरणों का निस्तारण उनको डिफाल्टर होने से पहले करना होगा। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की सभी तहसीलों व कलेक्ट्रेट में 1 कम्प्यूटर आपरेटर की नियुक्ति की जाए जो प्रतिदिन डिफाल्टर होने वाले प्रकरणों का निस्तारण दोपहर तक कराना सुनिश्चित कराएंगे। साथ ही निर्देश दिए गए कि IGRS प्रकरणों के सभी निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो। निस्तारण करते समय यदि आवश्यकता हो तो अपर ज़िलाधिकारियों से निस्तारण के सम्बन्ध में मार्गदर्शन प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए। IGRS के प्रकरणों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा। IGRS के प्रकरणों में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्यवाही निश्चित है।
2) ज़िलाधिकारी द्वारा देयो से सम्बंधित बिंदु की समीक्षा की गई। समीक्षा में संज्ञान में आया कि विभिन्न देय मद में तहसील मोहनलालगंज व बीकेटी की प्रगति सब से कम है। जिसके सम्बन्ध में ज़िलाधिकारी द्वारा वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि हर सोमवार को साय अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा समस्त तहसीलदारों के साथ वसूली की गहन समीक्षा करना सुनिश्चित करे और इसी प्रकार समस्त तहसीलदारों द्वारा अपनी अपनी तहसीलों में सप्ताह में एक बार समस्त अमीनो के साथ गहन समीक्षा करते हुए वसूली की कार्यवाही को तेज किया जाएगा और जिन अमीनो प्रगति खराब होगी उनको स्पष्टीकरण जारी किया जाए।
3) आर0सी0 की वसूली के सम्बंध में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि समस्त उप जिलाधिकारी व समस्त तहसीलदार स्वयं कमांड ले। सभी आ0सी0 को कंसलिडेट करे और वसूली करना सुनिश्चित करे। उक्त के साथ ही रेरा की वसूली के सम्बंध में निर्देश दिए गए कि जितने भी बाक़ीदार है जिनके खाते सीज किये गए है वह सेलर (विक्रेता) के रूप में किसी भी सब रजिस्ट्रार के यहां अपना बैंक खाता चेंज करके यदि रजिस्ट्री कराते है तो यह सब रजिस्ट्रार का दायित्व होगा कि इसकी सूचना वह सम्बंधित उप जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। ताकि उस खाते को भी सील किया जा सके। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा बड़े बाकीदारो की सूचना मांगी गई। तहसीलदार सदर द्वारा बताया गया की पार्थ इंफ्रा द्वारा 4 करोड़ का भुगतान किया गया है अभी 8 करोड़ बाकी है। बाकी धनराशि का भुगतान 2 माह के अंदर कर दिया जाएगा। सहारा प्राइम सिटी पर 5 करोड़ का बकाया है, आफिस सीज करने की कार्यवाही की गई है। जिसके संबंध में निर्देश दिए गए की आफिस की नीलामी कराते हुए वसूली करना सुनिश्चित किया जाए। अंसल की 57 करोड़ तहसील सदर में और 17 करोड़ तहसील सरोजनीनगर में आर सी बकाया है। जिसके संबंध में निर्देश दिए की जून माह में लगभग 50% की धनराशि की वसूली की जाए अन्यथा संपत्तियों को सीज करते हुए नीलामी कराना सुनिश्चित कराया जाए। तहसील मलिहाबाद में आम्रपाली की वसूली न होने पर कुर्की का आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए। श्री राम जनरल इंश्योरेंस 78 लाख की वसूली के संबंध में निर्देश 1 सप्ताह में वसूली की जाए नही तो कुर्की के आदेश। होरिजन एडवरटाइजिंग 73 लाख की वसूली के संबंध में निर्देश 1 सप्ताह में वसूली नही तो कुर्की की कार्यवाही।
4) बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी अधिकारी भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए कार्य करना सुनिश्चित करे। भ्रष्टाचार करने वाले और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वालो को कदापी बख्शा नही जाएगा। सभी अधिकारी भ्रष्टाचार पर पूर्णतः अंकुश लगाना सुनिश्चित करे। जिलाधिकारी द्वारा कार्यों में पारदर्शिता और सुचिता के उद्देश्य से निर्देश दिए गए की कलेक्ट्रेट के सभी कर्मचारी/लिपिक आई कार्ड के साथ कार्य करेगे। उक्त के साथ ही निर्देश दिए गए की सभी आदेशों/रिपोर्टों में अधिकारी/कर्मचारी अपने नाम के पूर्ण हस्ताक्षर और नाम व पदनाम की मोहर का प्रयोग करेंगे।
5) बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सभी तहसीलदारों से धारा 24 के जितने भी बाद निस्तारित हुए है उनकी सूची मांगी गई। साथ ही निर्देश दिए गए के अविवादित पैमाईश के जितने भी वाद निस्तारित हुए है उनका कंप्लायंस 1 सप्ताह के भीतर सुनिश्चित किया जाए। साथ ही आदेश के कंप्लायंस के बाद ही पैमाईश की पत्रावलियों को दाखिल दफ्तर किया जाए।
6) बैठक में जिलाधिकारी द्वारा गिफ्ट डीड के संबंध में निर्देश दिए गए की गिफ्ट डीड की धारा 34 (नामांतरण) तब तक नही होगा जब तक तहसीलदार स्वय जा कर दानकर्ता से उसका बयान वीडियोग्राफी कराते हुए दर्ज नहीं कराएंगे। दानकर्ता से उसका बयान वीडियोग्राफी कराते हुए दर्ज कराना अनिवार्य हैं। साथ ही उक्त बयान की सीडी बनाकर उसको धारा 34 की पत्रावली में लगाना भी सुनिश्चित किया जाए।
7) जिलाधिकारी द्वारा बताया गया की राजस्व वादों में सुचिता लाने के लिए सभी न्यायलयों की सघन मॉनिटरिंग कराई जाएगी। किसी भी दशा में अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी पूर्वी अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती राकेश सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हिमांशु गुप्ता, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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