अधिकारियों ने लगाया ‘बैक गियर’, मायावती को खुश करने के लिए चमका रहे इमेज

मायावती के बनाए पार्कलखनऊ। राज्य में 2012 के बाद से मायावती के बनाए पार्क और स्मारकों को कोई पूछने वाला नहीं था लेकिन चुनावों के बीच अधिकारी इसमें रुचि लेने लगे हैं। मायावती ने अपने कार्यकाल में इन्हें करोड़ों की लागत से बनवाया था, जो इनसे सत्ता छीनने की वजह भी बने थे।

अखिलेश राज में मायावती के बनाए जिन पार्क और स्मारकों को स्मारकों के दिन लौटने के संकेत के साथ यह चर्चा चल निकली है कि कहीं यह बहन जी के सत्ता संभालने की आहट तो नही! इन सब की सुध लेने वाला कोई नहीं आया, लेकिन अब एकाएक इनकी भी मरम्मत होनी शुरू हो गयी है। करीब आधे से ज्यादा टूटे पड़े गेटों की मरम्मत की जा चुकी है। बाकी का काम सैन्य स्तर पर चल रहा है।

यूपी में किसकी सरकार आएगी इस सवाल का जवाब तो 11 मार्च को मिल जाएगा। लेकिन अधिकारियों का स्मारकों के लिए अचानक उमड़ा दर्द ये जरूर बताता है कि अधिकारी रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं।

मायावती के बनाए पार्क और स्मारकों पर अफसर मेहरबान

2012 के बाद मायावती के शासन में बने स्मारक सुनसान दिखने शुरू हो गये थे। करीब पांच साल से अधिक समय के बाद अब एक बार फिर अधिकारियों ने अपना गियर बदला है।

इन सबके बीच एक करोड़ की प्लम्बरिंग का सामान आ चुका। गेट और प्लंबरिंग का काम स्मारक समिति की ओर से किया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि इन सभी कामों को 11 मार्च से पहले पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। आला अधिकारी जल्दी काम पूरा करने का दबाव बनाए हुए हैं। उन्होंने चुनाव नतीजे आने से पहले स्मारकों को दुरुस्त करने का आदेश दिए गए हैं.

वहीं सम्बंधित अधिकारियों का कहना है कि ये रूटीन का कार्य है। बजट जारी करने में देरी हुई थी, जिसके चलते काम देर में शुरू हुआ है।

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